Siliguri News : बर्फबारी में फंसे थे tourists तो देवदूत बने …

Siliguri News : बर्फबारी में फंसे थे tourists तो देवदूत बने …
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सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल से पूर्वी सिक्किम के पकयोंग और रेनॉक पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग जिले की सीमा पर स्थित है। यहां के वादियों की सैर करने आये दो गाड़ियों में 16 पर्यटक भारी बर्फबारी में फंस गए। इसके साथ ही बर्फबारी के कारण उनके वाहन फिसलकर पहाड़ से टकरा गए जिसमें कुछ लोगों को हल्की चोंटे आयी। इस घटना की जानकारी जैसे ही देश के सबसे उचांइ वाले स्‍थान पर तैनात एसएसबी के जवानों को मिली तुरंत राहत और बचाव के लिए पहुंच सभी पर्यटकों को रेस्क्यू कर अपने कैंप लेकर आये और उन्हें तत्काल अवश्यक सेवाएं प्रदान की गई। एसएसबी की इस सहयोग के लिए पर्यटकों ने दिल जनावों की सराहना की। मालूम हो कि पूर्वी सिक्किम के पकयोंग और रेनॉक मौसम अत्यधिक ख़राब जिसके कारण वहां का तापामान गिर गया और बर्फबारी होने लगी। भारत-भूटान की सीमा की सुरक्षा में तैनात 69वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के सबसे उंचे बीओपी धुपिधारा में जमकर हिमपात हुआ। इस दौरान पश्चिम बंगाल से 2 गाड़िया में घूमने आये तीन बच्चों सहित 16 पर्यटक हिमपात होने के फंस गए। हिमपात के उनकी गाड़ी फिसल कर पत्थरों से टकरा गई जिस कारण कुछ पर्यटकों को चोटे आई। जिससे सभी पर्यटक बुरी तरह से भयभीत हो गए जिनको इस घटना की जानकारी जब 69वीं वाहिनी एसएबी के कमांडेंट अमित सिंह को मिली तो उनके निर्देश पर पर्यटकों को रेस्‍क्यू कर 'बी' समवाय धुपिधारा के जवानों के द्वारा राहत और बचाव कर सभी पर्यटकों को कैंप के अन्दर लाया गया। जिसमें अधिकतर पर्यटकों को एंजाइटी डिसऑर्डर अर्थात घबराने के बाद सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।
कैंप में मौजूद 69वीं वाहिनी द्वितीय कमान चिकित्सा अधिकारी डा. डोमा लाचेन्पा की निगरानी में जरूरत मंद मरीजों को प्राथमिक उपचार, ऑक्सीजन तथा आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई गई | चूंकि पर्यटक भय के कारण सिविल वाहन में यात्रा करने को तैयार नहीं थे। अतः उन्हें सीमा चौकी धुपिधारा से जुलुक रेसीडेंसी (जुल्का) तक अपने सरकारी वाहनों से सुरक्षित पहुंचाया गया। फंसे हुए पर्यटकों ने सशस्त्र सीमा बल के इस सेवा भाव तथा निष्ठापूर्वक कार्य की भरपूर सराहना की तथा ह्रदय से सशस्त्र सीमा बल के अधिकारीयों व सभी कार्मिकों का आभार व्यक्त किया।
इस बावत 69वीं वाहिनी के कमांडेंट अमित सिंह ने बताया कि सीमाओं की सुरक्षा के साथ एसएसबी ने मानव सेवा में भी तत्पर रहती है। जवानों की इस सेवा भाव के कार्य को जुलुक रेसीडेंसी के कार्मिकों ने भी प्रशंसा की। इसके साथ ही एसएसबी भारत-भूटान एवं नेपाल सीमा के प्रहरी के रूप में कार्यरत है और सीमावर्ती क्षेत्र के नागरिकों को कठिन से कठिन परिस्थितियों में हर संभव मदद पहुंचती है। 69वीं वाहिनी एसएसबी पाक्योंग के सभी सीमा चौकी पर्वतीय क्षेत्र में स्थित है फिर भी वाहिनी के कार्मिकों द्वारा जरुरत पड़ने पर इस तरह के कार्य किये जाते रहे हैं।

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