Kolkata Dengue Update : डेंगू का दूसरा हमला हो सकता है घातक

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कोलकाता : डेंगू एक ऐसा वायरस है जो एक व्यक्ति को दोबारा भी इंफेक्ट कर सकता है। ऐसा जरूरी नहीं है कि जिन लोगों को एक बार डेंगू हो गया है उन्हें दोबारा नहीं हो सकता है। डेंगू के मच्छर एडीज इजिप्टी के काटने पर किसी भी व्यक्ति को डेंगू दोबारा भी हो सकता है, इसके लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए वरना ये जानलेवा बन सकता है। एक बार डेंगू वायरस से ठीक होने के कुछ समय बाद शरीर में डेंगू के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता तैयार होती है, इसलिए इसका बचाव बहुत जरूरी है। डॉक्टर कहते हैं कि एक बार के बाद जब दोबारा डेंगू का इंफेक्शन होता है तो वो ज्यादा खतरनाक साबित होता है। 15 से 44 वर्ष का आयु वर्ग और इसके बाद 10 से 14 वर्ष की आयु के बच्चे डेंगू संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। फोर्टिस अस्पताल के कंसल्टेंट पीडियाट्रिक्स एंड नियोनेटोलॉजिस्ट डॉ. सुमित साहा ने बताया कि किसी व्यक्ति को दूसरी बार डेंगू होना बहुत गंभीर हो सकता है। जब किसी मरीज को दोबारा डेंगू होता है, तो उनके शरीर में हेमोरेजिक फीवर और डेंगू शॉक सिंड्रोम जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं। इस दौरान बुखार के लक्षण पर नजर रखने और समय पर इलाज कारना आवश्यक है।

आगामी तीन महीनों तक डेंगू नहीं होता

डेंगू एक मच्छर जनित बीमारी है जो फ्लू जैसे लक्षण और कुछ मामलों में जीवन-घातक जटिलताओं का कारण बन सकती है। डेंगू में हेमोफैगोसिटिक लिम्फोहिस्टियोसिस होना इसे और घातक बनाता है। डेंगू के इस लक्षण की पहचान के लिए मरीज को फौरन डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए। आमरी अस्पताल के डॉ. शायन चक्रवर्ती ने बताया कि दूसरी बार डेंगू का संक्रमण होना काफी घातक होता है। दूसरी बार डेंगू होने पर मरीज को तेज बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, आंखों के नीचे दर्द होता है। हालांकि, स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर मरीज के पेट में दर्द और बार- बार उल्टी होना, बात करने में तकलीफ होने की शिकायत होती है। उन्होंने बताया कि साधारण तौर पर डेंगू से ठीक होने वाले व्यक्ति को आगामी तीन महीनों तक डेंगू नहीं होता। वर्तमान में जो मरीज अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे हैं उनमें ज्यादातर लोग पहली बार डेंगू से पीड़ित है। हालांकि, कुछ अस्पतालों में दूसरी बार डेंगू के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि जिस तेजी से डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में संभव है कि दूसरी बार डेंगू के मामलों में बढ़ोत्तरी हो। पीयरलेस हॉस्पीटल के डॉ. अनुपम माइत‌ि ने कहा कि डेंगू इफेक्शन एक मच्छरजन‌ित बिमारी है। ऐसे में डेंगू के मच्छर के दूबारा काटने से दूसरी बार डेंगू हो सकता है। जब किसी व्यक्ति को पहली बार डेंगू होता है तो उसमें जीवन को खतरे में डालने वाली जटिलताएँ कम होती हैं। हालांकि, व्यक्ति को अगर दोबारा वही स्टीरियोटाइप या कुछ विशेष स्टीरियोटाइप के कारण व्यक्ति को दोबारा डेंगू संक्रमण होने का खतरा होता है। उन्होंने कहा कि दूसरी बार डेंगू संक्रमण के दो प्राइमरी काॉम्प्लीकेशन होते हैं, पहला कैप्लेरेलिक इंफेक्शन और दूसरा हेमोरेजिक फीवर। जहां पहले इंफेक्शन में एंटीबॉडी तैयार होती है तो वहीं हेमोरेजिक फीवर में एंटीबॉडी क्रास रिएक्शन करती है। जिस वजह से प्लेटेलेट की संख्या गिरने लगती है।

लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत : स्वास्थ सचिव

डेंगू के मामले को लेकर स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने कहा कि राज्य में डेंगू की स्थिति नियंत्रण में है। नदिया जिले के रानाघाट में डेंगू के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि, स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई के बाद फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। लोगों पानी का सही इस्तेमाल करें और यहां- वहां कचड़ा न फेंके।

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