सियालदह में देश की सबसे बड़ी रेलवे मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री

रोज धुलती हैं 37 हजार से अधिक बेडशीट
सियालदह में देश की सबसे बड़ी रेलवे मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री
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मेघा, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : पूर्व रेलवे के सियालदह डिविजन में स्थित देश की सबसे बड़ी रेलवे मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री रोजाना हजारों यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रख रही है। यहां हर दिन करीब 37,000 बेडशीट, 18,000 तकिए के कवर और 18,000 हैंड टॉवल अत्याधुनिक मशीनों से धुलकर, सुखाकर, प्रेस कर ट्रेनों में सप्लाई किये जाते हैं। यह लॉन्ड्री पूरी तरह ऑटोमेटेड है, जिससे काम तेज और उच्च गुणवत्ता वाला होता है।

ऑटोमेटेड मशीनों से होती है पूरी प्रक्रिया

लॉन्ड्री में बड़े पैमाने पर सफाई और प्रेस का काम बिना रुकावट चलता है। यहां लगी मशीनरी में शामिल हैं—

13 हाई-टेक वॉशिंग मशीनें

7 बड़े ड्रायर

5 ऑटोमेटिक आयरनर (कैलेंडर मशीन)

3 बॉयलर, जो मशीनों को स्टीम सप्लाई करते हैं

1 विशेष ऑटोमेटिक ब्लैंकेट क्लीनर, जिसमें कंबल धुलते हैं

इन मशीनों की मदद से लिनेन को निर्धारित समय में प्रोसेस किया जाता है और हर बैच की क्वालिटी चेक की जाती है।

तीन शिफ्टों में काम करते हैं 90 कर्मचारी : लॉन्ड्री में कुल 90 कर्मचारी तीन शिफ्टों में काम करते हैं। इनके ऊपर सुपरवाइजर की टीम निगरानी रखती है। कर्मचारियों को नियमित ट्रेनिंग भी दी जाती है ताकि सफाई के मानकों में कोई कमी न रहे। सुपरवाइजर के अनुसार, “हर बेडशीट और टॉवल को अलग-अलग चरणों में साफ किया जाता है। धुलाई के बाद खास तापमान पर ड्रायर में सुखाया जाता है और फिर ऑटो आयरनर से प्रेस किया जाता है। इस प्रक्रिया से लिनेन लंबे समय तक साफ और सुरक्षित रहता है।

सियालदह से चलने वाली लगभग सभी लंबी दूरी की ट्रेनों में सप्लाई : यह लॉन्ड्री सियालदह से चलने वाली अधिकांश लंबी दूरी की ट्रेनों को लिनेन उपलब्ध कराती है। काम इतना बड़ा है कि हर दिन हजारों पैकेट समय पर ट्रेनों तक पहुंचाना चुनौती होता है, लेकिन टीम इसे नियमित रूप से सफलतापूर्वक कर रही है।

डीआरएम ने की सराहना : सियालदह डिविजन के डीआरएम राजीव सिन्हा ने लॉन्ड्री स्टाफ की मेहनत और समयबद्धता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा,“यह लॉन्ड्री न सिर्फ सियालदह डिविजन बल्कि पूरे भारतीय रेलवे के लिए गर्व की बात है। स्वच्छता और गुणवत्ता के मामले में यह देशभर में एक उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।”

यात्रियों से अपील : लॉन्ड्री के सुपरवाइजर और कर्मचारियों ने यात्रियों से अपील की है कि वे बेडशीट और टॉवल का उपयोग सावधानी से करें और अनावश्यक रूप से गंदा न करें, ताकि सभी यात्रियों तक साफ-सुथरा लिनेन समय पर पहुंचाया जा सके। सियालदह की यह मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री भारतीय रेलवे के ‘स्वच्छ रेल, स्वच्छ भारत’ अभियान का मजबूत हिस्सा है और देश की सबसे बड़ी रेल लॉन्ड्री होने का गौरव रखती है।


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