अभियुक्त के मोबाइल में मिले हैं पोर्न वीडियो, नशे की हालत में पहुंचा था
अभियुक्त के शरीर पर मिले हैं खरोंच और चोट के निशान
कोलकाता : आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म कर हत्या के मामले में पुलिस को सनसनीखेज तथ्य हाथ लगे हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार महिला डॉक्टर के शव के पास मिले हेडफोन ने उसे कातिल तक पहुंचने में काफी मदद की। पुलिस सूत्रों के अनुसार अभियुक्त संजय राय के मोबाइल में कई पोर्न वीडियो मिले हैं। यही नहीं अभियुक्त ने घटना से पहले काफी शराब पी थी। ऐसे में साफ पता चलता है कि अभियुक्त उस रात भी शराब के नशे में वीडियो देखने के बाद शिकार की तलाश में निकला था। सूत्रों के अनुसार घटना की रात किसी तरह वह सेमिनार रूम पहुंचा और वहां नींद में सो रही महिला डॉक्टर से दुष्कर्म करने लगा। होश में आने पर पीड़िता ने विरोध किया तो पकड़े जाने के डर से अभियुक्त ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद वह अपना हेडफोन शव के पास ही भूलकर भाग निकला। पुलिस सूत्रों के अनुसार अभियुक्त के शरीर और हाथ पर कई खरोंच और चोट के निशान मिले हैं। यह खरोंच और चोट संभवत: पीड़िता द्वारा किये गये विरोध के कारण आयी थी।
पहली बार रात 11 बजे अस्पताल में आया था अभियुक्त : पुलिस सूत्रों के अनुसार अभियुक्त सिविक वालेंटियर गुरुवार की रात 11 बजे किसी मरीज को देखने के लिए आरजी कर अस्पताल में पहुंचा था। वहां पर कुछ देर रहने के बाद वह अस्पताल से बाहर निकल गया था। अस्पताल के कर्मियों से पूछताछ करने पर जांच अधिकारी को पता चला कि वह आए दिन वहां पर किसी को देखने के लिए आता रहता था। हालांकि रात 11 बजे अस्पताल से निकलने के बाद अभियुक्त अस्पताल के बाहर गया और किसी जगह पर बैठकर काफी देर तक शराब पी थी। शराब पीने के बाद अभियुक्त दोबारा सुबह 4 बजे के करीब अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में पहुंचा और सीढ़ियों से होते हुए सेमिनार रूम तक पहुंच गया।
घटना से पहले नीरज चोपड़ा के जैवलीन थ्रो देखा था पीड़िता ने : पुलिस सूत्रों के अनुसार घटना की जांच के दौरान पाया गया कि पीड़ित महिला डॉक्टर अपने 4 जूनियर डॉक्टरों के साथ घटना की रात ड्यूटी कर रही थी। रात 11 बजे उसने ऑनलाइन फूड ऑर्डर किया था। इसके बाद महिला डॉक्टर ने अपने जूनियर्स के साथ सेमिनार रूम में रात 12 बजे से 12.30 बजे के बीच ओलम्पिक के जैवलीन थ्रो का फाइनल मैच देखा था। भोजन करने के बाद सभी जूनियर वापस काम पर चले गये। इधर, सेमिनार रूम के अदंर बने रेस्ट रूम में पीड़िता आराम करने के लिए चली गयी।
रात 3 बजे आखिरी बार जूनियर ने सोते हुए देखा था पीड़िता को : पुलिस सूत्रों के अनुसार जांच के दौरान एक जूनियर डॉक्टर ने पूछताछ के दौरान बताया कि रात 3 बजे एक मरीज की तबीयत खराब होने पर वह एक विशेष जांच करने के लिए थर्ड फ्लोर पर गया था। मशीन में जांच करने के बाद वह सीनियर से संपर्क करने के लिए सेमिनार रूम में गया तो देखा कि वह कम्बल ओढ़कर सो रही है। ऐसे में गहरी नींद में होने के कारण उसने महिला डॉक्टर को डिस्टर्ब नहीं किया और लौट आया। इसके बाद अगले दिन सुबह जब एक डॉक्टर को मरीज के बारे में जानकारी लेनी थी तो वह सेमिनार रूम पहुंचा और पाया कि पीड़िता अर्द्धनग्न अवस्था में है। इसके अलावा कम्बल और कपड़े बिखरे पड़े हैं। उस डॉक्टर ने सभी को घटना की सूचना दी थी। इसके बाद घटनास्तल पर पहुंची पुलिस ने शव को बरामद किया। शव के पास से एक हेडफोन मिला। जब हेडफोन के बारे में उसके परिजनों को बताया गया तो उन्होंने कहा कि यह पीड़िता का नहीं है। ऐसे में पुलिस का शक गहरा गया कि यह अभियुक्त का हो सकता है।
गले में हेडफोन लगाकर सुबह 4 बजे दोबारा अस्पताल पहुंचा था अभियुक्त : पुलिस सूत्रों के अनुसार घटना की रात पहले 11 बजे अभियुक्त अस्पताल से चला गया था। इसके बाद शराब पीने के बाद वह दोबारा सुबह 4 बजे अस्पताल पहुंचा। अस्पताल में आने के बाद वह तीसरे तल्ले पर मौजूद सेमिनार हॉल में गया। वहां अंदर सो रही महिला डॉक्टर से उसने दुष्कर्म किया। महिला डॉक्टर ने विरोध किया तो अभियुक्त ने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस सूत्रों के अनुसार घटना के बाद अभियुक्त हेडफोन छोड़कर चला आया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के जरिए पाया कि अभियुक्त सुबह 4 बजे अस्पताल के अदंर गया और करीब 35 मिनट बाद बाहर निकल आया। यही नहीं जब वह अंदर गया तो उसके गले में हेडफोन था और बाहर निकलते वक्त हेडफोन नहीं था।
अभियुक्त ने कहा- मुझे दे दो फांसी
आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म कर हत्या करने की बात अभियुक्त ने स्वीकार कर ली है। सूत्रों के अनुसार अभियुक्त ने जांच अधिकारियों के समक्ष अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। सूत्रों के अनुसार अपराध स्वीकार करने के बावजूद अभियुक्त को अपने किये पर कोई पछतावा नहीं है। सूत्रों के अनुसार अपराधबोध होने की जगह अभियुक्त उल्टे जांच अधिकारियों से कह रहा है कि मुझे फांसी दे दीजिए। पुलिस सूत्रों के अनुसार सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद ही अभियुक्त को हिरासत में लिया गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार घटना की रात दो बार अभियुक्त अस्पताल में गया था। घटना से ठीक पहले उसे सीसीटीवी कैमरे में सेमिनार रूम की तरफ जाते देखा गया था। करीब 35 से 40 मिनट बाद वह वापस निकल आया था।
मामले की जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि घटनास्थल तक पहुंचने के दो रास्ते हैं। इनमें से एक रास्ता पीछे की तरफ से है और दूसरा सामने की तरफ से है। दोनों ही जगह की सीढ़ियों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। पुलिस को जांच में पता चला कि पीछे की सीढ़ियां रात को बंद कर दी जाती हैं। ऐसे में रात को वहां से आना किसी के लिए संभव नहीं है। पोस्टमॉर्टम में पुलिस को पता चला था कि महिला डॉक्टर की मौत रात 3 से सुबह 6 बजे के बीच हुई है। ऐसे में पुलिस ने उस समय के बीच के वीडिया की जांच की। जांच में पीछे की सीढ़ियों से किसी को सेमिनार हॉल की तरफ आते नहीं देखा गया। ऐसे में सामने की तरफ की सीढ़ियों की सीसीटीवी फुटेज जांच करने पर पुलिस को पता चला कि करीब 4 से 5 लोग उस समय ऊपर के तल्ले पर आए थे। इनमें अभियुक्त सिविक वॉलेंटिर भी शामिल है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में दिखे सभी लोगों से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान अभियुक्त संजय राय के बयान में असंगतियां पायी गयीं। अभियुक्त उस समय किस कारण अस्पताल पहुंचा था यह नहीं बताया पाया। इसके बाद संदेह के आधार पर उसे हिरासत में ले लिया गया।