1 नवंबर से शुरू होगा सेकेंड हुगली ब्रिज के एक हिस्से पर मरम्मत कार्य

1 नवंबर से शुरू होगा सेकेंड हुगली ब्रिज के एक हिस्से पर मरम्मत कार्य
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सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : हावड़ा – कोलकाता को जोड़ने वाली बेहद अहम कड़ी सेकेंड हुगली ब्रिज पर मरम्मत कार्य शुरू होने जा रहा है। एचआरबीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 1 नवंबर से काम यहां चालू होने की पूरी उम्मीद है। हम आशा करते हैं कि पूजा के बाद 1 तारीख से काम चालू हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक काम के दौरान भारी वाहनों पर नियंत्रण होगा तथा छोटे वाहन ही चल सकते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सन्मार्ग को बताया कि यह काम 8 महीने तक चलेगा। ब्रिज के निर्माण के बाद यह अब तक का सबसे अहम और बड़ा काम होगा। इस दौरान अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा। मशीनें बाहर से मंगवायी जायेंगी। वहीं ट्रैफिक नियंत्रण बेहद ही सावधानी पूर्वक करनी होगी ताकि ट्रैफिक पर असर नहीं पड़े। पहले चरण का काम होने के बाद ही दूसरे चरण का काम होगा।
क्या – क्या होंगे काम
होल्डिंग डाउन का काम सबसे अहम है। पहले चरण में यह काम होगा। ब्रि​ज के निचले हिस्से के काम में यह शामिल है। इस पूरे मरम्मत कार्य के बाद ब्रिज पर काफी बदलाव दिखेगा। सूत्रों के मुताबिक ब्रिज के 14 या फिर 16 होल्डिंग केबल्स बदले जायेंगे। ये सभी केबल्स विदेश से लाये जायेंगे। बीयरिंग रिप्लेसमेंट किया जायेगा। डिजाइन में कोई बदलाव नहीं होगा।
मालवाहक ट्रकों की आवाजाही पर प्रतिबंध
बसें और पुल वाहन चलेंगे जबकि इस दौरान मालवाहक ट्रकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। वहीं कुछ महीनों तक ब्रिज के ट्रैफिक कंट्रोल को लेकर सरकार के शीर्ष स्तर पर कई बैठकें हो चुकी हैं। इसके बाद ही मरम्मत का निर्णय लिया गया है। जैसा कि 8 महीने तक काम चलेगा इससे स्वाभाविक है कि ट्रैफिक व्यवस्था पर असर पड़ेगा और उस दौरान ट्रैफिक व्यवस्था को सामान्य रखना बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा।
काली पूजा, छठ पूजा सहित कई त्योहार हैं, ट्रैफिक पर पड़ सकता है असर
भले ही दुर्गापूजा खत्म हो जायेगी मगर उसके बाद भी कई त्योहार बाकी हैं। नवंबर माह से आगामी दिनों तक कई त्याेहार हैं। काली पूजा और छठ पूजा है। ईडन में वर्ल्ड कप के मैच भी हैं। काली पूजा विसर्जन और छठ पूजा के दौरान कोलकाता में कई सड़कों पर वाहनों को नियंत्रित किया जाता है। उस समय कई वाहनों को हुगली ब्रिज की ओर मोड़ दिया जाता है, इसलिए अब अन्य सड़कों पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।

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