इस दिन से होने जा रही है पौष मास की शुरुआत, मकर संक्रांति से लेकर … | Sanmarg

इस दिन से होने जा रही है पौष मास की शुरुआत, मकर संक्रांति से लेकर …

कोलकाता : कार्तिक मास के बाद अब पौष का महीना शुरू हो जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार यह मास अत्याधिक पावन माना जाता है। इस महीने में सूर्य देव की उपासना के साथ ही साथ भगवान नारायण की पूजा सर्वाधिक लाभाकारी मानी जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि इस महीने में सूर्य देव अपने विशेष प्रभाव में आ जाते हैं। पौष का महीना 27 दिसंबर 2023 से शुरू होने जा रहा है और यह 25 जनवरी 2024 तक रहेगा।

मान्यता है कि सूर्य देव पौष माह में अपनी 11 हजार रश्मियों के साथ पृथ्वी के प्राणियों को ऊर्जा प्रदान करते हैं। जो लोग इस माह में सूर्य देव की उपासना करते हैं वह जीवन भर संपन्न रहते हैं। इस बार पौष मास में मकर संक्रांति, सफला एकादशी समेत संकष्टी चौथ जैसे कई प्रमुख व्रत-त्योहार आएंगे। आइए जानते हैं पौष मास में आने वाले इन व्रत-त्योहारों की तारीखों के बारे में।
पौष मास 2023 व्रत-त्योहार कैलेंडर
27 दिसंबर 2023 दिन बुधवार – पौष माह प्रारंभ
30 दिसंबर 2023 दिन शनिवार – अखुरथ संकष्टी चतुर्थी
4 जनवरी 2024 दिन गुरुवार – कालाष्टमी
7 जनवरी 2024 दिन रविवार – सफला एकादशी व्रत
9 जनवरी 2024 दिन मंगलवार – मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत
11 जनवरी 2024 दिन गुरुवार – पौष अमावस्या
14 जनवरी 2024 दिन रविवार – लोहड़ी, विनायक चतुर्थी
15 जनवरी 2024 दिन सोमवार – मकर संक्रांति, उत्तरायण, पोंगल
17 जनवरी 2024 दिन बुधवार- गुरुगोविंद सिंह जयंती
18 जनवरी 2024 दिन बृहस्पतिवार- मासिक दुर्गाष्टमी
21 जनवरी 2024 दिन रविवार – रोहिणी व्रत, पुत्रदा एकादशी, तैलंग स्वामी जंयती
22 जनवरी 2024 दिन सोमवार – कूर्म द्वादशी
23 जनवरी 2024 दिन मंगलवार – प्रदोष व्रत
25 जनवरी 2024 दिन गुरुवार – पौष पूर्णिमा व्रत
सफलता एकादशी

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत बड़ा विशेष महत्व है। इसी के साथ यह भगवान विष्णु की भी सबसे ज्यादा प्रिय तिथि है। प्रत्येक वर्ष पौष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी पड़ती है। इस बार यह एकादशी 7 जनवरी 2024 दिन रविवार को पड़ रही है। मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त व्रत रखते हैं भगवान विष्णु उनके सभी मनोरथ शीघ्र पूर्ण करते हैं।
मकर संक्रांति

पौष माह में पड़ने वाली और वर्ष की सबसे बड़ी संक्रांतियों में से मकर संक्रांति का महत्व सबसे ज्यादा होता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य देव का यह गोचर मकर संक्रांति कहलाता है। इस पर्व को उत्तरायण भी कहते हैं। सूर्य के इस गोचर से सारे रुके हुए मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं और इसी दिन से खरमास का समापन होता है। इस बार पौष मास में पड़ने वाली मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024 दिन सोमवार को मनाई जाएगी। सूर्य उपासना के साथ ही साथ इस दिन जो लोग काले तिल का दान करते हैं उनका जीवन धन-धान्य से भर जाता है।
पौष पूर्णिमा
प्रत्येक वर्ष पौष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन व्रत, स्नान-दान आदि कार्य किए जाते हैं। इन धार्मिक कार्यों को करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस बार यह पौष पूर्णिमा 25 जनवरी 2024 दिन गुरुवार को पड़ेगी।

 

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