

कोलकाता : कोलकाता की प्रतिष्ठित नाट्य संस्था 'रंगशिल्पी' पिछले 20 वर्षों से कोलकाता का सक्रिय नाटक दल है। भारतीय भाषा परिषद में परिषद के निदेशक प्रो.शंभुनाथ, रंगकर्मी मृत्युंजय श्रीवास्तव, सुशील कांति, निर्देशक प्लाबन बसु, संस्कृति कर्मी संजय जायसवाल, कलकत्ता विश्वविद्यालय की हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो राजश्री शुक्ला ने उनके अगले प्रोडक्शन 'उभयचर' नाटक का पोस्टर रिलीज किया।हिंदी नाटक के लिए समर्पित इस दल में अधिकांश अभिनेता-अभिनेत्रियां बांग्लाभाषी हैं। 'पंचलैट', 'एक था सुखीराम', ' साधो ये मुर्दों का गाँव ', ' जमीला', 'प्रतिनायक ' आदि के नाम लिए जा सकते हैं। संगीतज्ञ दिशारी चक्रवर्ती के द्वारा इस नाटक को पाश्चात्य शास्त्रीय धुन से सजाया है। प्रकाश का दायित्व शशांक मंडल और मानस भट्टाचार्य संभाल रहे हैं। मंच सज्जा जय चन्द्र चन्द का है। अंग विन्यास पेद्रो सुदीप्त कुंडू ने किया है। गीत सुचन्दा भट्टाचार्य ने गाया है। निर्देश प्लावन बसु ने किया है। सुशील कांति, शक्ति चक्रवर्ती, सोमनाथ चक्रवर्ती और बंगाला नाटक तथा फिल्म के कलाकार साग्निक, शांत स्वरुप, स्वागता, आभेरी नाथ, पार्थ सारथी, भूमिका और रंजन सेनगुप्ता। पोस्टर रिलीज करते हुए डॉ. शम्भुनाथ ने कहा कि रंगशिल्पी बंगाल की एक ऐसी नाट्य संस्था है जो बांग्ला कलाकारों को लेकर हिंदी के नाटक करती आई है।