Gangasagar Mela 2024 : लांच सेवा से तीर्थयात्री हुए परेशान, काकद्वीप से कचुबेरिया तक ब्रिज की उठायी

Gangasagar Mela 2024 : लांच सेवा से तीर्थयात्री हुए परेशान, काकद्वीप से कचुबेरिया तक ब्रिज की उठायी
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कोलकाता : अगर मुंबई में समुद्र के ऊपर 21 किलोमीटर लम्बा ब्रिज बनकर तैयार हो सकता है, हिंदुओं के सबसे बड़े तीर्थस्थल गंगा सागर जाने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार को मिलकर ब्रिज बनाना चाहिए। ब्रिज बनने से तीर्थयात्रियों को होने वाली परेशानी कम होगी। यह कहना है विभिन्न राज्यों से आए तीर्थयात्रियों का। इस बार गंगासागर जाने वाले तीर्थयात्रियों को सबसे ज्यादा दिक्कत काकद्वीप फेरी से घाट से कचुबेरिया और फिर वहां से वापसी के दौरान हुई है। तीर्थयात्रियों ने कहा कि नदी को पार करने के लिए उन्हें 8 से 10 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा। आलम यह है कि खुले आसमान के नीचे कड़कड़ाती ठंड में लांच के लिए लाइन में खड़ा रहना कई लोगों के लिए अग्निपरीक्षा साबित हो रही है। इसके कारण कई लोगों की तबीयत भी बिगड़ गयी। गंगासागर मेला की तैयारियां राज्य सरकार की ओर से कई महीने ही शुरू हो जाती है। हालांकि हर साल की तरह इस साल भी सबसे ज्यादा समस्या लोगों को लांच सेवा से हउई। लोगों का कहना है कि प्रशासन को लांच सेवा को सुधार करना चाहिए चाहिए या फिर काकद्वीर से कचुबेरिया तक ब्रिज बनाने का काम करना चाहिए। इसमें केन्द्र और राज्य सरकार को मिलकर काम करना चाहिए। यहां पर वीवीआई लोगों के जाने के लिए खास सुविधा होती है लेकिन तीर्थयात्रियों को जानवरों की तरह पहले घंटों तक कड़काड़ती ठंड में खुले आसमान के नीचे अपनी कतार आने का इंतजार करना पड़ता है। बाद में लांच में सवार होने पर जानवरों की तरह लदकर गंगा पार करना पड़ता है। इस हालत में सुधार होनी चाहिए।
यूपी के देवरिया से आयी माया देवी ने बताया कि गंगासागर तक जाने की डगर आज भी काफी मुसीबतों से भरा है। उन्होंने कहा कि उनके साथ 10 लोगों की टीम यूपी के देवरिया जिले से गंगासागर पुण्य स्नान करने आये हैं। वे सियालदह से लोकल ट्रेन के जरिए काक्द्वीप पहुंची। दोपहर 3 बजे काकद्वीप फेरी घाट पहुंचने के बाद उन्हें पता चला कि लांच सेवा रात 9 बजे चालू होगी। रात साढ़े 9 बजे चालू होने के बाद उनकी बारी रात 12. 30 बजे आयी। वे लोग 1.30 बजे करीब रकचुबेरिया पहुंचे। इसके बाद के लिए कतार में लगना पड़ा। रविवार की सुबह 5 बजे वे लोग गंगासागर पहुंचे और स्नान करने के बाद वापस लौटने लगे। वापसी के दौरान दोपहर 12 बजे तक वे कचतुबेरिया घाट पहुंच गए लेकिन फेरी खराब होने के कारण उन्हें रात 9 बजे तक बाहर इंतजार करना पड़ा। उन्होंने कहा कि आज के समय  में जरूरत है काकद्वीप से कचुबेरिया तक ब्रिज बनाने की वरना तीर्थयात्रियों के लिए हमेशा गंगासागर की डगर कठीन ही रहेगी। इसके अलावा वाराणी से इंदुकांत राय ने कहा कि उन्हें भी 8 से 9 घंटे तक फेरी सेवा के लिए इंतजार करना पड़ा । प्र्शासन को चाहिए अधिक से अधिक लांच को तैनात किया जाएघा। इसके अलावा गंगासागर में बसों की संख्या बढ़ानी चाहिए।

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