

बारासात : चंद्रयान-2 के संचार के लिए बनाए गए एंटीना को डिजाइन कर बंगाल के हुगली के अंतरिक्ष वैज्ञानिक चंद्रकांत कुमार और उनके भाई शशिकांत कुमार ने भारत का नाम रोशन किया था। दोनों भाई अभी भी इसरो में नये-नये मिशन में लगे हैं। वहीं नये मिशन (चंद्रयान-3) में भूमिका निभाकर बंगाल के एक और अंतरिक्ष वैज्ञानिक निलाद्री मैत्रा ने बंगाल को गौरवान्वित किया है। उत्तर 24 परगना जिले के मछलंदपुर के रहने वाले निलाद्री ने यहां राजवल्लभपुर हाई स्कूल में पढ़ाई की थी। वह चंद्रयान-3 के निर्माण से लेकर उसके प्रक्षेपण तक की पूरी प्रक्रिया में शामिल रहे। पूरे जिले में उनके इस अवदान को लेकर जबरदस्त उत्साह है। नये चंद्रयान के सफल प्रक्षेपण के बाद मछलंदपुर में खुशी का माहौल है, वहीं निलाद्री के परिवारवाले भी काफी खुश हैं। निलाद्री के पिता का कहना है कि उनके बेटे को बचपन से ही अंतरिक्ष को लेकर पढ़ाई करने में काफी रुचि रही है। इसके लिए उसने काफी मेहनत की।
भारत का नाम रोशन किया
इसरो में जब उसे जगह मिली तभी उन्होंने निलाद्री से कई तरह की अपेक्षाएं की थीं जिसे बेटे ने पूरा किया है। उन्हें अपने बेटे की सफलता पर गर्व है। निलाद्री ने चंद्रयान को दोबारा चांद पर भेजने के बाद इलाके के लोगों को एक वीडियो संदेश भेजा है जिसे देख सभी अपने बच्चों को कुछ ऐसा ही कर दिखाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। निलाद्री ने दुनिया में भारत का नाम रोशन कर दिखाया है। शुक्रवार की दोपहर करीब 2.30 बजे चंद्रयान-3 श्रीहरिकोटा से चंद्रमा की ओर बढ़ गया। इस उपलब्धि के लिए नासा पहले ही इसरो को बधाई दे चुका है। अभी तक चंद्रयान 3 मिशन सफलतापूर्वक चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक चंद्रयान पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी कर चुका है।