

कोलकाता : नवरात्रि के छठे दिन माता के अलौकिक स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी स्वरूप में माता शेर पर सवार, सिर पर मुकुट सुशोभित है। माता की चार भुजाएं हैं। माना जाता है कि मां के इस स्वरूप की पूजा अर्चना से विवाह में आ रही परेशानी दूर हो जाती है। आइए जानते हैं नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी के रूप की पूजा कैसे करनी चाहिए, पूजा की विधि, मंत्र और किस चीज से लगाना चाहिए माता को भोग।
माना जाता है कि मां कात्यायनी को शहद और पीले रंग का भोग अत्यंत प्रिय है। माता को शहद से तैयार हलवे का भोग लगाना चाहिए। भोग तैयार करने के लिए कड़ाही में गाय का घी गर्म करें और उसमें सूजी भुनें। दूसरे बर्तन में पानी एक कप पानी चढ़ाएं और उसमें कटे हुए काजू, किशमिश और चिरौंजी डालें। पानी के उबलने पर उसमें भुनी हुई सूजी मिला दें और चीनी की जगह शहद डाल दें। हलवा गाढ़ा होने पर आंच बंद कर इलायची पाउडर मिला दें।
मां कात्यायनी पूजा विधि
नवरात्रि के छठे दिन माता के कात्यायनी स्वरूप की पूजा के लिए सुबह नहाने के बाद साफ वस्त्र धारण कर पूजा का संकल्प लेना चाहिए। मां कात्यायनी को पीला रंग प्रिय है इसलिए पूजा के लिए पीले रंग का वस्त्र धारण करना शुभ होता है।मां को अक्षत, रोली, कुमकुम, पीले पुष्प और भोग चढ़ाएं। माता की आरती और मंत्रों का जाप करें।
मां कात्यायनी मंत्र जाप
मां कात्यायनी की पूजा के समय इस मंत्र का जाप करें
या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।