बंगाल के अल्पसंख्यक तृणमूल से बना रहे हैं दूरी : शुभेंदु

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सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यक धीरे-धीरे सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस से दूरी बना रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा, 'वे इस समय भाजपा के साथ भी नहीं हैं।' भाजपा के अल्पसंख्यक सेल की सभा को संबोधित करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि गत विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यकों ने तृणमूल पर वोटों की बारिश की थी। उन्होंने कहा, 'हालां​कि अब उन्होंने तृणमूल से दूरी बनानी चालू कर दी है, लेकिन इस समय वे भाजपा के साथ भी नहीं हैं।' शुभेंदु ने आरोप लगाया कि इस कारण ही मुख्यमंत्री ममता बन​र्जी 'बंटवारे की राजनीति' कर रही हैं और एक बार फिर एनआरसी का मुद्दा उठा रही हैं। शुभेंदु ने इस दौरान दावा किया कि तृणमूल सरकार ने वंशवाद की राजनीति, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण की राजनीति पश्चिम बंगाल में कायम कर दी है। उन्होंने कहा, 'भाजपा पश्चिम बंगाल में विकास लाना चाहती है और वंशवाद की राजनीति को खत्म करना चाहती है। राज्य से लगभग 45 लाख श्रमिक दूसरे राज्यों में काम करते हैं क्योंकि यहां कोई रोजगार नहीं है। ममता बनर्जी की सरकार रोजगार का सृजन करने में फेल हो रही है। इनमें से लगभग 70% प्रवासी श्रमिक अल्पसंख्यक समुदाय के हैं। शुभेंदु अधिकारी के आरोपों का जवाब देते हुए तृणमूल नेता व राज्य के शहरी विकास व पालिका मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा, 'अल्पसंख्यक हो या बहुसंख्यक, हर कोई तृणमूल और ममता बनर्जी के साथ है और भविष्य में भी रहेगा।'

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