महिला डिब्बे में यात्रा करने वालों की खैर नहीं! रेलवे को कलकत्ता हाईकोर्ट की फटकार

महिला डिब्बे में यात्रा करने वालों की खैर नहीं! रेलवे को कलकत्ता हाईकोर्ट की फटकार
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कोलकाता: भारतीय रेलवे को कलकत्ता हाईकोर्ट ने आज चेतावनी दी है। मामला ये है कि लोकल या एक्सप्रेस ट्रेनों में महिला कोच में नियम तोड़कर कुछ पुरुषों यात्रा करते हैं। कलकत्ता हाई कोर्ट ने इसी संबंध में रेलवे को फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने नियम तोड़कर मेल या एक्सप्रेस ट्रेन के रिजर्व कोच में यात्रा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवाग्नम और न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने आज इस मामले की सुनवाई की। साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि इस घटना को रोकने के लिए हर स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा गार्ड बढ़ाए जाएं।

पिएता भट्टाचार्य ने याचिका में किया ये दावा

याचिकाकर्ता के वकील तमाल सिंह रॉय ने कहा कि उनकी मुवक्किल पिएता भट्टाचार्य पेशे से वकील हैं। वह हर दिन कोलकाता लोकल ट्रेन से यात्रा करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महिला स्पेशल ट्रेनों में महिलाओं के अलावा कई पुरुष भी यात्रा करते हैं, जिससे महिला यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वादी ने आगे दावा किया कि कई मामलो में पुरुष यात्रियों ने महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार भी किया है।

याचिकाकर्ता का दावा है कि उन्होंने इस शिकायत के बारे में रेलवे को कई बार लिखा है। कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। याचिका में कहा गया है कि मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के आरक्षित कमरों में बिना आरक्षित टिकट वाले दैनिक यात्रियों के कारण आरक्षित टिकट लेने वाले यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि ऐसी यात्रा रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 162 का उल्लंघन है।

'मातृभूमि ट्रेनों में बढ़ाई जा रही महिला RPF की तैनाती'

मामले में रेलवे के वकील ने दावा किया कि बिना टिकट खरीदे यात्रा करने के आरोप में अकेले सियालदह डिवीजन में जून 2024 तक 3477 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। रेलवे ने यह भी कहा कि मातृभूमि ट्रेनों में महिला सुरक्षा गार्ड तैनात किए जा रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश के मुताबिक रेलवे को इन सभी घटनाओं को रोकने के लिए और अधिक प्रयास करना चाहिए।

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