Kolkata Traffic Update : आज से ही रूलाने लगी कोलकाता की ट्रैफिक

फोटो - दीपेन उपाध्याय
फोटो - दीपेन उपाध्याय
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कल रुला सकता है ट्रैफिक जाम, नहीं मिल रही हैं बसें

बसों के लिये करना पड़ रहा है लंबा इंतजार

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : आज स्कूटी लेकर बेहाला से एमजी रोड तक पहुंचने में एक यात्री को 1 घंटे के बजाय ढाई घंटे का समय लग गया। महानगर की ट्रैफिक व्यवस्‍था आज चरमराई दिखी। वाहन सड़क पर मुश्किल से आगे बढ़ रहे थे। इसी तरह बुधवार को कॉलेज स्क्वायर में प्रदेश भाजपा की रैली के कारण मध्य कोलकाता में लोगों को भारी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा। इस​ दिन कोलकाता के 5 स्थानों से रैली निकाली गयी जो कॉलेज स्क्वायर में पहुंची। इस कारण सियालदह, मौलाली क्रासिंग, एस.एन. बनर्जी रोड, डोरिना क्रासिंग, कॉलेज स्ट्रीट, एन. सी. स्ट्रीट, आर. ए. के. राेड, मेयो रोड, जे. एल. नेहरू रोड, एक्साइड, एटीएम रोड, हाजरा क्रासिंग, रवींद्र सरणी, बेंटिक स्ट्रीट, के.सी. दास जैसी महत्वपूर्ण सड़कों पर ट्रैफिक जाम से लोग परेशान रहे। यह परेशानी केवल बुधवार को ही समाप्त नहीं हुई बल्कि कल यानी शनिवार तक ट्रैफिक जाम लोगों को इसी तरह रुला सकता है।

क्यों है ऐसी परिस्थिति ?

कल यानी शुक्रवार को तृणमूल का शहीद दिवस है। ऐसे में इस दिन पूरा कोलकाता स्तब्ध होने वाला है। इस कारण इस दिन तो लोग सबसे अधिक परेशान होंगे ही, इसका आभास अभी से लोगों को मिलना चालू हो गया है। दरअसल, किसी भी समय में कहीं भी सभा के समर्थन में रैली निकाली जा रही है जिस कारण ट्रैफिक जाम हो जा रहा है। कोलकाता के विभिन्न स्थानों पर 21 जुलाई के लिये मंच भी बनाये गये हैं और सभाएं की जा रही हैं जहां लोगों की भीड़ उमड़ने से सड़क पर जगह कम हो जा रही है। इस कारण लोगाें को ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है। दूसरे जिलों से लोगों का आना भी अब शुरू हो गया है, ऐसे में स्वाभाविक तौर पर कल तक ट्रैफिक जाम इसी तरह लोगों की परेशानी का सबब बन सकता है।

मनमाना किराया वसूला जा रहा

अभी से ही बसों के लिये लोगों को काफी देर तक इंतजार करना पड़ रहा है। इसका लाभ ऑटो और टैक्सी वाले उठा रहे हैं। यात्रियों से मनमाना किराया वसूले जाने का आरोप है। सिटी सबअर्बन बस सर्विसेज के टीटो साहा ने कहा कि जिलों में बसों को रोक लिया गया है। कोलकाता में भी दक्षिणेश्वर, सापूरजी, डायमण्ड हार्बर रोड में बसें ले ली गयी हैं। हालांकि हमने मांग की है कि हर रूट में 20% बसें छोड़ी जाये ताकि 21 जुलाई के दिन निकलने वाले लोगों को अधिक परेशानियों का सामना न करना पड़े। मगर सवाल यह भी है कि श्रमिक भी 21 जुलाई की सभा में जायेंगे तो बसें कौन चलायेगा। ऐसे में इस दिन कितनी बसें चलेंगी, इसे लेकर संदेह की स्थिति है। इस दिन यूनियन, स्थानीय विधायक, पार्टी नेता बसें मांग रहे हैं। ऐसे में इस दिन सड़कों पर बसें काफी कम चलने की संभावना है।

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