Kolkata on Dengue & Viral Fever Alert : डेंगू और वायरल फीवर की दोहरी मार झेल रहे हैं कोलकाता के लोग

Kolkata on Dengue & Viral Fever Alert : डेंगू और वायरल फीवर की दोहरी मार झेल रहे हैं कोलकाता के लोग
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30 से 40% बढ़ी पैरासिटामाॅल की बिक्री
कोविड जैसे लक्षण भी दिख रहे मरीजों में
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : बारिश के मौसम में कई तरह की बीमारियां घर बना लेती हैं और इस दौरान सबसे अधिक खतरा होता है मच्छरजनित बीमारियों का। फिलहाल कोलकाता समेत पूरे राज्य में डेंगू का प्रकोप फैला हुआ है। अब तक कई जानें डेंगू के कारण जा चुकी हैं और सैकड़ों लोग अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। हालांकि डेंगू के साथ ही इस वक्त कोलकाता के लोग वायरल फीवर की दोहरी मार झेल रहे हैं। ऐसे में दुर्गा पूजा से ठीक पहले इस प्रकार डेंगू और वायरल फीवर के कहर ने घर-घर में आतंक मचाया हुआ है।
पैरासिटामॉल समेत एंटीबायोटिक की बिक्री बढ़ी
बंगाल केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट शंकर राय चौधरी ने सन्मार्ग से कहा, 'पैरासिटामॉल की मांग यूं तो पूरे साल ही रहती है। हालांकि इस वक्त डेंगू काफी फैला हुआ है जिस कारण इसकी बिक्री 30 से 40% तक बढ़ गयी है। पैरासिटामॉल के अलावा दूसरे एंटिबायोटिक जैसे कि सेफिक्स, एंथ्रोमाइसिन आदि की बिक्री भी बढ़ी हुई है।'
डेंगू और वायरल में प्लेटलेट्स का है फर्क
वायरोलॉजिस्ट हिरणमय मुखर्जी ने कहा, 'वायरल फीवर की तरह डेंगू में भी बुखार, सर्दी, खांसी आदि लक्षण होते हैं। हालांकि डेंगू में प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं जिस कारण खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान खुद को हाइड्रेट रखना काफी आवश्यक होता है।'
लगभग 60% मरीज आ रहे बुखार के
प्रख्यात डॉ. संजय गुप्ता का कहना है कि रोजाना 10 में से 6 मरीज बुखार के आ रहे हैं। इस वक्त डेंगू सबसे अधिक फैला है, लेकिन उसके साथ वायरल फीवर भी फैला है। इसके अलावा मलेरिया, कोविड और निपाह वायरस के लक्षणों वाले भी मरीज काफी आ रहे हैं। कुछ ऐसे भी मरीज आ रहे हैं जिन्हें डेंगू और मलेरिया दोनों है। निजी अस्पतालों की बात करें तो इस वक्त फोर्टिस अस्पताल में वायरल फीवर यानी इन्फ्लुएंजा ए और बी मिलाकर 10 मरीज भर्ती हैं। डेंगू को लेकर भी अस्पतालों में बेड भर जा रहे हैं और रोजाना ही बेड की व्यवस्था रखने के निर्देश दिये जा रहे हैं।
यह है बचाव के उपाय
डॉ. का कहना है कि डेंगू से बचने के लिये मच्छरों और कीटाणुओं से बचने की आवश्यकता है। मच्छर काटने से डेंगू का कीड़ा खून में चला जाता है। दवाईयों को लेकर उन्होंने कहा कि कोविड की कुछ दवाईयों को मिलाकर दिया जा रहा है। इस समय बूढ़ों और बीमार लोगों के लिये सबसे मुश्किल है क्योंकि उन्हें इसका खतरा अधिक रहता है।
स्वाभाविक प्लेटलेट्स इतना कम होने पर चिंता का विषय
एक व्यस्क व्यक्ति में स्वाभाविक प्लेटलेट्स काउंट डेढ़ लाख से साढ़े 4 लाख तक होता है। हालांकि प्लेटलेट्स 60,000 के नीचे आने पर स्थिति चिंताजनक हो जाती है। वहीं प्लेटलेट्स 20,000 से कम होने पर प्लेटलेट्स चढ़ाना पड़ता है।
अब तक आये इतने मामले
सूत्रों के अनुसार, राज्य भर में अब तक डेंगू के 28,000 से अधिक मामले आ चुके हैं और कुल 31 मौतें हुई हैं। हालांकि सरकारी तौर पर 3 मौतों की पुष्टि की गयी है। वहीं कोलकाता में 3,000 से अधिक मामले और 13 माैतें हुई हैं। कोलकाता में आधिकारिक तौर पर 2 मौतों की पुष्टि की गयी है।

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