Kolkata News : क्लास के छत से टपक रहा पानी, पढ़ने को मजबूर हैं मानसिक प्रतिबंधी बच्चे

Kolkata News : क्लास के छत से टपक रहा पानी, पढ़ने को मजबूर हैं मानसिक प्रतिबंधी बच्चे
Published on

आनंद मोहन झा
विधाननगर : साल्टलेक सेक्टर 5 के बोधी पीठ स्कूल सेक्शन विद्यालय में छत से टपकते पानी के बीच पढ़ने को मजबूर हैं 37 मानसिक प्रतिबंधी छात्र-छात्राएं। उत्तर 24 परगना के एकमात्र मानसिक प्रतिबंधी स्कूल का हाल दिन-ब-दिन बिगड़ता ही जा रहा है। 2 क्लास रूम में 37 बच्चे यहां पढ़ते हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाएं नहीं होने के कारण अभिभावकों में रोष है। सर्व शिक्षा मिशन के अंतर्गत चलने वाले इस स्कूल में सिर्फ 4 कमरे हैं जिसमें 2 बच्चों की पढ़ाई के लिए एवं दो स्कूल कार्यालय एवं टीचर्स रूम के लिए आवंटित है जिसकी छत एस्बेस्टर की है। यह स्कूल लगभग 25 साल पुराना है जिस कारण कई जगह छत टूट चुकी है और अब बरसात के मौसम में छत से लगातार पानी क्लास रूम में टपकता रहता है। इस कारण बच्चों को पढ़ने का माहौल नहीं मिल रहा है एवं उन लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बारिश के मौसम में एक ओर उन्हें खुद बचने की लगी रहती है तो दूसरी ओर उनके द्वारा लायी गयी किताबें और कॉपी भींग ना जाए, इसके लिए बारिश शुरू होते ही बच्चे इधर-उधर क्लास में छिपने लगते हैं। यहां तक कि स्कूल परिसर में अवस्थित शौचालय की हालत भी ठीक नहीं है। क्लासरूम एवं ऑफिस रूम में रखे गए कीमती सामान समेत किताबें और लोहे की अलमारी भी पानी लगने के कारण खराब होने लगी है।
यह कहना है अभिभावकों का
राज्य और केंद्र सरकार बच्चों के मानसिक विकास के लिए कई सारी योजनाएं चला रही है, लेकिन उस स्कूल में इसका लाभ नहीं पहुंच रहा है। ऐसे में अभिभावक अपने बच्चे को वहां भेजने से कतरा रहे हैं। अभिभावकों द्वारा स्कूल की समस्याओं को लेकर कई बार वहां की शिक्षिकाओं का ध्यान आकर्षित कराया गया है पर स्कूल की दयनीय हालत को सुधारने में कोई कारगर कदम नहीं उठाये गये हैं। इस कारण दिन-ब-दिन स्कूल की हालत और खराब होती जा रही है। फिलहाल पानी से बचने के लिए स्कूल की छत प्लास्टिक से ढंक दी गयी है, लेकिन भारी बारिश में वह नाकाफी हो जाता है। अभिभावकों की मांग है कि जल्द से जल्द स्कूल की मरम्मत नहीं करवायी गयी तो यहां बच्चों को भेजना बंद कर देंगे।
यह कहना है शिक्षिका का
इस विषय पर स्कूल की शिक्षिका ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि पिछले 25 वर्षों में स्कूल के विकास के लिए स्कूल परिचालन समिति एवं शिक्षा विभाग को कई बार पत्र लिखे जा चुके हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। यहां कुल 4 शिक्षिकाएं एवं 3 शिक्षा कर्मी मिलकर स्कूल चला रहे हैं पर सरकार की अन्य सुविधाएं बच्चों को उपलब्ध करवाई जा रही है। हालांकि स्कूल के विकास के लिए या फिर हालत सुधारने के लिए सरकार को बार-बार बताने के बावजूद इस पर कोई काम नहीं हो रहा ह।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in