

कोलकाता : कोलकाता मेट्रो अथॉरिटी ने यात्रियों को जल्द से जल्द उनके गंत्वय तक पहुंचेने के क्रम में बड़ा कदम उठाया है। कोलकाता मेट्रो की उत्तर-दक्षिण शाखा हर दिन बड़ी संख्या में यात्रियों को ले जाती है। इस बार मेट्रो अधिकारियों ने लोगों को जल्द से जल्द अपने गंत्वय स्थल पर पहुंचाने के लिये जो कदम उठाया है उससे दमदम और महानायक उत्तम कुमार अप-डाउन सफर करने वाले यात्रियों को सुविधा होगी। दरअसल, मेट्रो की ओर से जल्द ही दमदम और महानायक उत्तम कुमार स्टेशन के बीच एल्यूमीनियम तीसरी लाइन स्थापित करने की योजना बन रही है। इससे अब 150 सेकंड या ढाई मिनट के अंतराल पर ही आपको मेट्रो मिलेगी। थोड़ा और स्पष्ट करने के लिए बता दें कि फिलहाल इस लाइन पर मेट्रो कम से कम 5 मिनट के अंतर पर चलती है। ऐसे में यदि एल्युमीनियम लाइन लगा दी जाए तो अंतराल को घटाकर ढाई मिनट किया जा सकता है, हालांकि इसके लिए सिग्नलिंग सिस्टम भी बदलना होगा।
विदेशों के मेट्रो परिसेवा को देखते हुये …
कोलकाता मेट्रो अथॉरिटी ने एक नोटिफिकेशन में कहा, 38 साल बाद उत्तर-दक्षिण की इस तीसरी लाइन को बदला जा रहा है। इस संबंध में मेट्रो यह भी बताती है कि इससे ऊर्जा की खपत 84 फीसदी तक कम हो जाएगी, जिससे प्राधिकरण को सालाना करीब 1 करोड़ रुपये की बचत होगी और इसकी स्थापना लागत भी स्टील थर्ड लाइन से कम है। अधिकारियों का कहना है कि अगर यह काम पूरा हो गया तो मेट्रो की उत्तर-दक्षिण शाखा सिंगापुर, बर्लिन, म्यूनिख, इस्तांबुल, लंदन और मॉस्को के अनुरूप हो जाएगी। हालांकि, इस नई लाइन को उत्तर-दक्षिण शाखा में स्थापित करने की योजना है, लेकिन यह लाइन पूर्व-पश्चिम और जोका-ताराताला शाखाओं में पहले ही स्थापित की जा चुकी है। मालूम हो कि उत्तर-दक्षिण शाखा पर इस लाइन को बिछाने का काम 2 साल के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। दैनिक सेवाओं को बाधित किए बिना काम जारी रहेगा। चरणबद्ध तरीके से 200 मीटर तक लाइन बदलने का काम किया जाएगा।
एल्युमीनियम लाइन बिजली की अच्छी संवाहक
मेट्रो अधिकारियों ने बताया कि एल्युमीनियम लाइन बिजली की अच्छी संवाहक है, यानी इसकी बिजली ट्रांसमिशन क्षमता बहुत अच्छी है। परिणामस्वरूप, इस लाइन में सिस्टम वोल्टेज ड्रॉप के कारण होने वाली बिजली हानि को कम करने की क्षमता है। एल्युमीनियम की तीसरी लाइन मेट्रो में और अधिक गति लाएगी। जिससे यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में कम समय लगेगा और office hours जैसे व्यस्त क्षणों में कम समय अंतराल में सेवा उपलब्ध होगी। इससे मेट्रो का काफी पैसा बचेगा क्योंकि इससे ऊर्जा की खपत कम होगी। साथ ही एल्युमीनियम से बनी तीसरी लाइन को भी आसानी से मेंटेन किया जा सकता है। यह लाइन बहुत विश्वसनीय और स्थिर है। कोलकाता जैसे गर्म और आर्द्र शहर में, अधिकारियों को लगता है कि यह प्रतिस्थापन बहुत उपयोगी होगा।