कोलकाता : आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में मेडिकल छात्रा की निर्मम हत्या का असर अन्य मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों पर भी पड़ रहा है। दूर-दूर से महानगर में इलाज कराने आए मरीजों को देखने के लिए एक भी जूनियर डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं है। परिणामस्वरूप, मरीजों का समय रहते इलाज नहीं हो पा रहा है। स्वाभाविक है कि मरीजों के परिजनों की परेशानियां बढ़ गई हैं। केवल आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल ही नहीं, कोलकाता मेडिकल कॉलेज, नेशनल मेडिकल कॉलेज, सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज, शिशुमंगल समेत राज्य के कई मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में मेडिकल छात्रों और जूनियर डॉक्टरों के एक समूह ने हड़ताल शुरू कर दी है।
क्या कहना है मरीजों के परिवारों का : बांकुड़ा से अपने पिता का इलाज कराने आई मौमिता सेन ने कहा कि कार्डियोलॉजी विभाग में एक भी डॉक्टर विजिट के लिए नहीं आ रहे हैं। हम डॉक्टर से परामर्श लेने के लिए परेशान हैं। हालांकि हमने घटना के बारे में सुना है जो काफी दर्दनाक व निंदनीय है लेकिन डॉक्टरों ने विजिट करना बंद कर दिया है। एक मरीज के परिवार ने कहा कि अस्पताल के कई काम रूक गए हैं। हम दूर-दूर से इलाज के लिए आते हैं लेकिन यहां का माहौल ही कुछ और है। अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं है, एक या दो डॉक्टर हैं जो काफी देर से आ रहे हैं और जल्दी-जल्दी में इलाज कर रहे हैं।
आंदोलनकारियों ने कहा, हमारी रक्षा कौन करेगा?
आंदोलनकारियों के मुताबिक छात्रा की हत्या के मामले में दोषियों की पहचान होनी चाहिए। साथ ही हर अस्पताल में सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। स्वाभाविक है कि आंदोलन का असर चिकित्सा सेवाओं पर पड़ा है। केवल नाम के लिए इमर्जेंसी विभाग खुला है, लेकिन हड़ताल के कारण कोई भी जूनियर डॉक्टर उपस्थित नहीं थे। शनिवार की सुबह से ही विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में छात्रों ने ‘वी वांट जस्टिस’ की तख्तियां लेकर मार्च करना शुरू कर दिया।