कोलकाता : गर्मी के मौसम की अभी शुरुआत ही हुई है कि ओला, उबर समेत ऐप कैब ड्राइवरों द्वारा ए.सी. रिफ्यूजल से यात्री परेशान हो रहे हैं। अगर ड्राइवर ए.सी. चला भी रहे हैं तो उसकी स्पीड इतनी धीमी रह रही है कि उससे कोई लाभ नहीं हो रहा है। ऐसे में यात्रियों का कहना है कि हमसे रुपये तो ए.सी. सर्विस के लिये भी लिये जाते हैं, लेकिन सर्विस केवल नाम मात्र की ही मिल रही है। वहीं संगठन का कहना है कि ड्राइवरों की लंबे समय से मांग है कि उनका किराया बढ़ाया जाये। इस कारण ही यह समस्या हो रही है।
कोविड काल से चालू हुई समस्या : ए.सी. रिफ्यूजल की शुरुआत कोविड काल के समय से हुई। दरअसल, उस समय वायरस फैलने के डर से ड्राइवरों द्वारा खिड़की खुली और ए.सी. बंद रखी जाती थी। हालांकि कोविड काल के बाद भी गर्मियों के मौसम में ऐप कैब ड्राइवरों ने ए.सी. बंद रखना चालू कर दिया और यह समस्या आज भी चली आ रही है।
यात्रियों ने कहा, हमसे लिये जाते हैं सर्विस के रुपये : ए.सी. रिफ्यूजल को लेकर यात्रियों का कहना है कि हमसे ए.सी. सर्विस के भी रुपये लिये जाते हैं, लेकिन उसके बदले ए.सी. नहीं दी जाती है। बेलगछिया से नागेरबाजार जाने के लिये प्रीति सिंह नामक यात्री से 126 रुपये ऐप कैब द्वारा लिये गये। उसने कहा, ‘जब मैंने ए.सी. चलाने को कहा तो ड्राइवर ने कहा कि मैडम ए.सी. चल रहा है। थोड़ी देर में ठंडक आ जायेगी। हालांकि मैं नागेरबाजार तक पहुंच गयी, लेकिन ठंडक नहीं आयी। मेरा एक साल का बच्चा भी मेरे साथ था जो पसीने से तर-बतर हो गया था।’ इसी तरह एक और यात्री देविका सेठ ने भी अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, ‘एमजी रोड से सियालदह स्टेशन जाने के लिये मैंने 141 रुपये दिये, लेकिन ड्राइवर ने ए.सी. नहीं चलायी। मेरे कहने पर ड्राइवर के साथ बहस भी हो गयी।’
कई ड्राइवरों ने चिपकायी नोटिस : कई ड्राइवरों द्वारा ऐप कैब में नोटिस चिपकायी गयी है। इसमें कहा गया है, ‘प्रिय ओला, उबर ग्राहक। ए.सी. की मांग करके ड्राइवर को आत्महत्या करने पर मजबूर न करें। पहले ही कंपनी ने 30 से 40% कमीशन से हमारी कमर ताेड़ रखी है। जब तक ये कंपनी हम ड्राइवरों की बात नहीं सुनती और हमारे रेट तय नहीं करती। आशा है तब तक आप हमारा सहयोग करेंगे। अगर आपको ए.सी. की जरूरत है तो आपको 5 रु. प्रति किलोमीटर अलग से देना होगा।’ ऑनलाइन कैब ऑपरेटर्स गिल्ड के महासचिव इंद्रनील बनर्जी ने कहा, ‘फिलहाल ड्राइवरों को 16-17 रुपये प्रति कि.मी. किराया मिलता है, ड्राइवरों की मांग है कि कम से कम किराया 25 रु. प्रति कि.मी. किया जाये। वाहन पेट्रोल से चलते हैं और पेट्रोल का दाम भी काफी बढ़ गया है। कुछ ऐप कैब सीएनजी से चलते हैं, लेकिन वह भी उपलब्ध नहीं है। यही कारण है कि ए.सी. को लेकर यह समस्या देखी जाती है।’