इस बात पर है केंद्र सरकार के साथ केजरीवाल की लड़ाई

Published on

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्रीय अध्यादेश के खिलाफ गैर भाजपाई राज्यों का दौरा कर रहे हैं और सभी गैर भाजपाई पार्टियों से अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांग रहे हैं। इसके तहत उन्होंने मंगलवार को कोलकाता का दौरा भी किया और नवान्न में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी की स्थापना कर अध्यादेश लाया ​जा रहा है जिसने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलट दिया है। गत सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि दिल्ली सरकार को पुलिस, पब्लिक ऑर्डर और जमीन को छोड़कर अन्य सभी तरह की सेवाओं को नियंत्रित करने दिया जाये। हालांकि यह नया अध्यादेश दिल्ली की राज्य सरकार से ये क्षमताएं छीन ले रहा है और उन्हें एक कमेटी दी जा रही है जिसका नियंत्रण केंद्र के हाथों में होगा। अध्यादेश को हटाने के लिये एक केंद्रीय कानून की आवश्यकता है और विपक्षी पार्टियों द्वारा राज्यसभा में बहस के दौरान इस अध्यादेश को रोकने की कोशिश की जाने की उम्मीद है। आप (आम आदमी पार्टी) ने पहले ही इस मुद्दे पर सभी गैर भाजपाई पार्टियों से समर्थन मांगा है और इसे 'अग्नि परीक्षा का समय' कहा है। साथ ही यह भी कहा है कि अगर देश के लोकतंत्र और सं​विधान को बचाना है तो सभी विपक्षी पार्टियों को साथ आना होगा। इससे पहले इस मुद्दे पर केजरीवाल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर उनसे समर्थन मांग चुके हैं और नीतीश कुमार ने उन्हें पूरा समर्थन देने की बात भी कही है। आप प्रमुख के बुधवार को मुंबई में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता शरद पवार से भी मुलाकात करने की संभावना है। अध्यादेश को छह महीने के भीतर संसद द्वारा अनुमोदित किया जाना है। इसके लिए केंद्र को संसद के दोनों सदनों में विधेयक को पारित कराना होगा।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in