Justice For Swapnadeep : जेयू कैंपस में स्टूडेंट्स ने निकाली रैली

Justice For Swapnadeep : जेयू कैंपस में स्टूडेंट्स ने निकाली रैली
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एबीवीपी ने किया प्रदर्शन, भाजपा ने थाना घेराव किया
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : जादवपुर यूनिवर्सिटी के फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट स्वप्नदीप कुण्डू की मौत को लेकर एक तरफ जहां कई सवाल उठ रहे हैं, रैगिंग के आरोप भी लगाये जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, मौत के अगले दिन यानी शुक्रवार को भी जेयू के कैंपस में दिन भर हंगामा मचा रहा। जस्टिस फॉर स्वप्नदीप के नारे के साथ जेयू के कैंपस में स्टूडेंट्स ने रैली निकाली तो वहीं एबीवीपी की जेयू यूनिट की ओर से प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा भाजपा ने जादवपुर थाने का घेराव किया।
स्टूडेंट्स रैली में शामिल हुए सैकड़ों
जादवपुर यूनिवर्सिटी के आर्टस् फैकल्टी स्टूडेंट्स यूनियन की रैली में सैकड़ों स्टूडेंट्स शामिल हुए। स्टूडेंट्स ने इस दिन स्वप्नदीप की मौत के लिये दोषियों को सजा देने की मांग की। स्टूडेंट्स जस्टिस फॉर स्वप्नदीप और वी वॉन्ट जस्टिस का बैनर हाथों में लिये हुए थे। वामपंथ समर्थक स्टूडेंट्स ने लाल सलाम और इंक्लाब के नारे भी लगाये। रैली ने पूरे कैंपस की परिक्रमा की।
एबीवीपी ने किया प्रदर्शन, दी चिट्ठी
एबीवीपी की जेयू यूनिट की ओर से भी घटना के विरोध में प्रदर्शन किया गया। एबीवीपी की जेयू यूनिट के कनवेनर निखिल दास ने कहा कि हमने घटना को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन को चिट्ठी लिखी है। इस घटना की सटीक जांच करने की मांग की गयी है। इसके अलावा मौत के पीछे शामिल दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग हमने की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना आगे ना हो, इसके लिये विश्वविद्यालय प्रबंधन को उचित कदम उठाने होंगे।
ये हैं स्टूडेंट्स की मांगें
आर्टस् फैकल्टी स्टूडेंट्स यूनियन (आफ्सू) की ओर से मांग की गयी कि स्वप्नदीप की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सबके सामने लायी जानी चाहिये ताकि उसकी मौत के कारणों का पता चल सके। 5 दिनों के अंदर स्वप्नदीप के मौत के मामले में जांच 5 दिनों के अंदर पूरी करने की मांग की गयी। स्टूडेंट्स की ओर से मांग की गयी, 'यह घटना काफी आश्चर्यजनक और चेताने वाली है। इस घटना की पूर्णांग जांच जरूरी है।'कैंपस में रैगिंग कल्चर ?
जेयू के कई स्टूडेंट्स का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है बल्कि यूनिवर्सिटी के बॉयज होस्टल में रैगिंग कल्चर पुराना है। जेयू के स्टूडेंट तर्पण सरकार ने कहा कि रैगिंग के मामले पहले भी कई बार यहां हुए हैं। हालांकि अब रैगिंग पर पूरी तरह लगाम कसना आवश्यक है।

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