Janmashtami 2023: बाल-गोपाल के साथ तुलसी की पूजा का है विशेष महत्व, रखें इन बातों का ध्यान

Janmashtami 2023: बाल-गोपाल के साथ तुलसी की पूजा का है विशेष महत्व, रखें इन बातों का ध्यान
Published on

नई दिल्ली: सनातन धर्म के अनुसार भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन माता देवकी की आठवीं संतान के रूप में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। लोगों को कंस के आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए भगवान ने धरती पर अवतार लिया । इसी मान्यता के अनुसार हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस कारण हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन कृष्ण जन्म के रूप में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है।मान्यताओं के अनुसार जन्माष्टमी के दिन तुलसी की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस दिन तुलसी की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। इससे पारिवारिक वाद-विवाद खत्म होते हैं। घर में पैसों की किल्लत दूर होती है। आपको बताते हैं कि तुलसी की पूजा के दौरान किन विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।

तुलसी की पत्ती भोग में लगाएं

भगवान श्री कृष्ण को तुलसी की पत्तियां प्रिय हैं। पूजा में भी तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल होता है। इस दिन पूजा के दौरान तुलसी की पत्ती का भोग लगाना चाहिए। लेकिन तुलसी की पत्ती तोड़ने से पहले उसे प्रणाम कर पत्तियां तोड़नी चाहिए। सीधे नाखून से दबाकर या झटके में नहीं तोड़ना चाहिए।

घर से क्लेश होगी दूर

तुलसी की पूजा करना जन्माष्टमी के दिन शुभ माना जाता है। इससे घर में होने वाले लड़ाई-झगड़े खत्म होने लगते हैं। सभी लोगों में आपसी प्रेम बना होता है। इस दिन शाम के समय तुलसी के पौधे को स्पर्श, या इसकी पत्तियों को तोड़ना नहीं चाहिए।

तुलसी को चुनरी अर्पित करें

जन्माष्टमी के दिन तुलसी को चुनरी अर्पित करना शुभ माना जाता है। कई लोग तुलसी को चुनरी ओढ़ाने के बाद बदलते नहीं। लेकिन, ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। समय समय पर माता तुलसी की चुनरी को बदलते रहना चाहिए।

तुलसी की परिक्रमा

बाल गोपाल के जन्म वाले दिन तुलसी को जल चढ़ाना चाहिए। साथ ही इसकी परिक्रमा करनी चाहिए। तीन बार इसकी परिक्रमा करना करनी चाहिए। इससे सारे दुख दूर होते हैं और जन्माष्टमी की पूजा सफल होती है। तुलसी की परिक्रमा से माता लक्ष्मी भी खुश होती हैं। जिससे घर में पैसों की कमी दूर होने लगती है।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in