

हावड़ा : सेठ बंशीधर जालान स्मृति मंदिर हावड़ा के प्रांगण में श्री हनुमत चरित्र तीसरे दिवस के प्रवचन के क्रम काशी से पधारे युवा विद्वान श्री आशीष मिश्र ने बताया कि हनुमान जी की भक्ति और समर्पण की गाथा इतनी महान है कि उन्हें “राम का सबसे बड़ा भक्त” कहा जाता है। वे हमेशा अपने हृदय में श्रीराम, सीता और लक्ष्मण को बसाए रखते हैं — इसका प्रसिद्ध उदाहरण वह प्रसंग है जब उन्होंने अपना सीना चीरकर भगवान राम और सीता की छवि दिखाई। उनका यह भाव दर्शाता है कि उनके लिए प्रभु की सेवा ही जीवन का उद्देश्य है। वे हर युग में धर्म की रक्षा के लिए उपस्थित रहते हैं और अपने भक्तों के संकट हरते हैं, इसलिए उन्हें “संकटमोचन” भी कहा जाता है।