धनतेरस से पहले सोने की कीमतों ने बढ़ायी ज्वेलर्स की चिंता

शनिवार को कोलकाता में सोना की कीमतें (10 ग्राम) 24 कैरेट : 1,24,260 22 कैरेट : 1,13,900 18 कैरेट : 93,190
धनतेरस से पहले सोने की कीमतों ने बढ़ायी ज्वेलर्स की चिंता
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कोलकाता : देश भर समेत महानगर में पिछले 2 महीने में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कारणों से जिस प्रकार सोने की कीमतें बढ़ी हैं, उसे लेकर ज्वेलर्स की चिंता बढ़ी हुई है। यहां उल्लेखनीय है कि धनतेरस पर काफी लोग सोना-चांदी के गहने खरीदते हैं। गहनों के अलावा सिक्कों की खरीदारी भी खूब होती है, लेकिन इस बार जिस तरह से सोना महंगा हुआ है, उसे देखते हुए ज्वेलर्स की बुकिंग पर असर पड़ा है। विशेषकर मध्यमवर्गीय लोगों की पहुंच के बाहर सोना होता जा रहा है। हालांकि काफी लोग ऐसे समय में सोने में निवेश भी कर रहे हैं जिस कारण गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स) में निवेश काफी बढ़ा है।

कीमतें बढ़ने के प्रमुख कारण

* $4,000 प्रति औंस की दर को पार करना।

* अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद।

* वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता एवं भू-राजनीतिक तनाव।

* कमज़ोर अमेरिकी डॉलर/ विकसित मुद्राओं की कमजोरी।

* केंद्रीय बैंकों की रिकॉर्ड खरीद।

* ईटीएफ (गोल्ड एक्सचेंज- ट्रेडेड फंड्स) में बड़ी धनराशि का प्रवाह।

* ‘FOMO’ (फीयर ऑफ मिसिंग आउट) – छूट जाने का डर।

* मुद्रास्फीति एवं वास्तविक ब्याज दरों का दबाव।

कम हो सकती है खरीदारी

सिद्धार्थ ज्वेलर्स के ओनर और जेम एण्ड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के मेंबर पंकज शाह ने कहा, ‘थोड़ा असर पड़ने की संभावना है। हालांकि धनतेरस एक शुभ दिन होता है और इस दिन सोना-चांदी खरीदने की परंपरा होती है। ऐसे में लोग अपने बजट के अनुसार थोड़ा कम खरीदेंगे। अभी बिक्री काफी कम है, लेकिन उम्मीद है कि धनतेरस से कुछ दिन पहले बुकिंग होने लगेगी।’

निवेशकों को दिख गया लाभ

जेजे गोल्ड हाउस के डायरेक्टर और एसोसिएशन ऑफ गोल्ड रिफाइनरीस एण्ड मिंट्स के सेक्रेटरी हर्षद अजमेरा ने बताया कि वैश्विक कई कारणों से सोने की कीमतें बढ़ी, लेकिन अब इसमें निवेशकों को लाभ दिख गया है। इस कारण सोना और चांदी में काफी निवेश किया जा रहा है। चीन पर 100% टैरिफ लगाने का भी असर है। चांदी मार्केट में मिल नहीं रहा है। शादी के सीजन के बाद सोना अगर कम हुआ भी तो 10% ही कम होने की संभावना है। इसके बाद फिर दाम बढ़ेंगे। लंबे समय में निवेश के लिए सोना बेहतर विकल्प है। मध्यमवर्गीय लोग भी थोड़ा-थोड़ा सोना खरीद कर रखते हैं तो उनके लिए भी यह अच्छा निवेश होगा।

लोगों में समाया ‘फोमो’ का डर

वेस्ट बंगाल बुलियन मर्चेंट्स एण्ड ज्वेलर्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी दिनेश काबरा ने बताया, ‘लोगों में यह सेंटिमेंट है कि अब तक हमने सोना-चांदी क्यों नहीं खरीदी ? फोमो यानी फीयर ऑफ मिसिंग आउट का भय लोगों में है। गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ता ही जा रहा है। बैंकों में चांदी नहीं होने के कारण गत शुक्रवार को ईटीएफ में यूनिट देना बंद करना पड़ा।’ नेमिचंद बामलवा एंड सन्स के पार्टनर हंसराज बामलवा ने कहा, ‘वर्तमान वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियों के परिणामस्वरूप सोने की कीमतों में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है। विश्व भर में लोग मुद्रा नोटों की स्थिरता पर से विश्वास खोते जा रहे हैं, जिस कारण सोने के भाव के भविष्य का अनुमान लगाना अत्यंत कठिन हो गया है।’




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