

कोलकाता : ईडन गार्डन्स में शनिवार को केकेआर और आरसीबी के बीच आईपीएल के पहले मैच के दौरान क्रिकेट पिच पर घुसने और विराट कोहली के पैरों पर गिरने के आरोप में पुलिस ने युवक को गिरफ्तार किया है। अभियुक्त का नाम ऋतुपर्णा पाखीरा है। वह पूर्व बर्दवान के जमालपुर का रहने वाला है। रविवार को अभियुक्त युवक को बैंकशाल कोर्ट में पेश करने पर उसे एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। कोर्ट जाते समय गिरफ्तार युवक, ‘कोहली मेरे भगवान हैं’ के नारे लगा रहा था। पुलिस ने टेनिस स्टार मोनिका सेलेस पर चाकू से हमले और राजीव गांधी की हत्या में सुरक्षा उल्लंघन की घटनाओं का हवाला देते हुए 18 वर्षीय हाई स्कूल के छात्र ऋतुपर्णो पाखीरा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। हालांकि, मजिस्ट्रेट ने युवक से “जीवन में कोहली की तरह बनने” और उन्हें छूने के लिए सुरक्षा भंग करके दूसरों की जान जोखिम में न डालने को कहा। गौरतलब है कि पाखिरा ने शनिवार को आईपीएल के पहले मैच के दौरान विराट कोहली तक पहुंचने के लिए 12 फीट ऊंची लोहे की रेलिंग फांदी थी, कांटेदार तार की जाली को पार किया और ईडन गार्डन्स के स्टेडियम पेरिमीटर एलईडी डिस्प्ले के ऊपर से छलांग लगाई थी। जानकारी के अनुसार पाखिरा स्टेडियम के जी ब्लॉक में अपने दोस्तों के साथ बैठा था। केकेआर के हर्षित राणा द्वारा फेंके गए 13वें ओवर में कोहली द्वारा अर्धशतक बनाने के तुरंत बाद वह स्टेडियम में घुस गया था। वह कोहली के पैरों में गिर गया, इससे पहले कि कोहली ने उसे खींचकर गले लगा लिया। सुरक्षाकर्मी फौरन वहां पहुंचे और उसे मैदान पुलिस स्टेशन ले गए। रविवार को बैंकशाल कोर्ट ले जाए जाने के दौरान जब पत्रकारों ने उससे उसके कृत्य के पीछे का कारण पूछा, तो उसने कहा, ‘कोहली मेरे भगवान हैं। उन्हें छूना मेरा बचपन का सपना था’। रविवार को पुलिस हिरासत की दलील देते हुए पुलिस ने कहा कि उसके कृत्य से केकेआर और आरसीबी के खिलाड़ियों को मैदान पर परेशानी हुई और खिलाड़ियों के जीवन और सुरक्षा को खतरा हुआ। साथ ही इस तरह के सुरक्षा उल्लंघन के दौरान प्रशंसकों और समर्थकों द्वारा खिलाड़ियों और वीआईपी पर हमला किए जाने के पिछले उदाहरणों का हवाला दिया। सरकारी वकील अरूप चक्रवर्ती ने अदालत के समक्ष कहा, कि हम सभी को याद है कि कैसे मोनिका सेलेस को मैच के दौरान एक प्रशंसक ने चाकू मार दिया था और कैसे राजीव गांधी की हत्या एक समर्थक ने की थी, जिसने उनके पैर छूने के लिए सुरक्षा घेरा तोड़ दिया था। यह घटना एक मासूम की हरकत लग सकती है, लेकिन यह भयावह हो सकती थी। सुरक्षा भंग के ऐसे कृत्यों की कभी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। सरकारी वकील ने मांग की कि सुरक्षा भंग करने के पीछे असली मंशा का पता लगाने के लिए पाखीरा और उसके साथ आए उसके दोस्तों से गहन पूछताछ की जाए। बचाव पक्ष के वकील ने "किसी भी शर्त पर" उसकी जमानत की दलील देते हुए अदालत से कहा कि पाखीरा एक उत्साही प्रशंसक था जो अपने आदर्श कोहली को देखकर बहुत उत्साहित हो गया और उसने यह गलती कर दी। बचाव पक्ष के वकील ने सवाल किया कि शनिवार को कोहली को इतने करीब देखकर वह उनके पैर छूने से खुद को नहीं रोक सका। क्या किसी आदर्श के पैर छूना कोई बड़ा अपराध है?" दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दीजयिता दे ने पाखीरा से पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया और जब उसने जवाब दिया कि कोहली के पैर छूना उसका बचपन का सपना था, तो मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘तुम्हें कोहली जैसा बनने का सपना देखना चाहिए और सुरक्षा भंग करके उन्हें छूने की कोशिश नहीं करनी चाहिए’।