

कोलकाता : दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप सब-डिविजन के असिस्टेंट सिस्टम मैनेजर को ‘कर्तव्यों की उपेक्षा’ के आरोप में पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय (सीईओ) द्वारा सस्पेंड किये जाने के बाद अब चुनाव आयोग ने इस मामले की जांच करते हुए सभी एईआरओ (असिस्टेंट इलेक्टॉरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर) के लॉगिन आईडी की जानकारी भारत निर्वाचन आयोग से मांगी है। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, इस संबंध में सीईओ की ओर से भारत निर्वाचन आयोग को चिट्ठी भेजी गयी है। यहां उल्लेखनीय है कि गत 15 मई को काकद्वीप सब डिविजन के असिस्टेंट सिस्टम मैनेजर को जिला प्रशासन से शिकायतें मिलने के बाद ‘कर्तव्यों की उपेक्षा’ के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया था। इस मामले में सीईओ द्वारा जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, अगले 3 महीने के अंदर जांच पूरी कर ली जायेगी। बताया गया कि खुद राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने निचले स्तर पर डेटा एंट्री ऑपरेटर्स, असिस्टेंट मैनेजर्स और प्रोग्रामर्स से लेकर सभी से इस मुद्दे पर बैठक की है और मामले को गंभीरता से लेने का निर्देश दिया है। उन्हें यह भी कहा गया है कि उन्हें क्या करना चाहिये।
कुल 3 के खिलाफ की गयी एफआईआर
चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि प्राथमिक जांच में काकद्वीप सब डिविजन के असिस्टेंट मैनेजर अरुण गोराईं समेत कुल 3 लोगों के नाम सामने आये हैं। सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी हैै। इसके अलावा अरुण गोराईं को सस्पेंड किये जाने के साथ ही तीनों को चुनाव संबंधी कार्यों से दूर रहने के निर्देश दिये गये हैं।
यह है आरोप
अरुण गोराईं पर आरोप है कि उसने अपना मोबाइल नंबर विधानसभा क्षेत्र 131 (काकद्वीप) के एईआरओ के लॉगिन क्रेडेंशियल में धोखाधड़ी कर डाला। यह भी आरोप है कि इसके बाद उसके फोन पर आये ओटीपी का इस्तेमाल कर उसने फॉर्म 6, 7 और 8 के तहत आये आवेदनों को निपटाया। यहां उल्लेखनीय है कि फॉर्म 6 में निर्वाचक नामावली में नाम सम्मिलित किए जाने के लिए आवेदन किये जाते हैं जबकि फॉर्म 7 में निर्वाचक नामावली में नाम की प्रविष्टि पर आक्षेप या प्रविष्टि नाम को हटाये जाने हेतु आवेदन किया जाता है। वहीं फॉर्म 8 में निर्वाचक नामावली में प्रविष्टि विशिष्टियों की शुद्धि के लिए, निर्वाचक नामावली में प्रविष्टि को अन्यत्र रखने के लिए आवेदन/मार्किंग की जाती है।
यह कहना है सीईओ का
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) मनाेज कुमार अग्रवाल ने सन्मार्ग से कहा, ‘किसी भी तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए कड़े कदम उठाये जा रहे हैं। आगे भी सख्त कार्रवाई की जायेगी। मतदाता सूूची की शुद्धता बनायी रखी जाएगी और इसमें किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जायेगा।’