Durga Puja 2023 : इस बार खास है Hazra Park Durgotsab कमेटी की थीम | Sanmarg

Durga Puja 2023 : इस बार खास है Hazra Park Durgotsab कमेटी की थीम

कोलकाता : हाजरा पार्क दुर्गोत्सव कमेटी की दुर्गा पूजा हर साल बड़े ही खास और भव्य तरीके से मनायी जाती है। यहां की थीम हर बार लोगों का मन मोह लेती है। यहां की पूजा कमेटी अपने नए आइडिया पर आधारित थीम से लोगों को हर साल आश्चर्यचकित करती रहती है। शुक्रवार को एक कार्यक्रम में दक्षिण कोलकाता की इस पूजा कमेटी ने अपने इस साल के थीम का खुलासा किया।

इस बार उन्होंने अपनी थीम रखी है ‘तीन चाकार गोलपो’ (3 पहियों की कहानी)। कमेटी की ओर से इस बार इसी थीम पर मंडप का निर्माण किया जाएगा।
ऑटोरिक्‍शा चालकों को किया गया सम्मानित


यह थीम एक ऑटोरिक्शा चालक पर आधारित है। इस वर्ष कमेटी के पूजा का 81वां वर्ष है। यह पूजा हाजरा क्रॉसिंग (जतिन दास पार्क के अंदर) स्थित है। थीम लॉन्च के मौके पर कमेटी की ओर से कोलकाता के 10 ऑटोरिक्शा चालकों को सम्मानित किया गया।
प्रतिष्ठित हस्तियां हुए शामिल


इस मौके पर समाज में हर क्षेत्र से जुड़े विभिन्न प्रतिष्ठित हस्ती शामिल थे, जिनमें राज्य कृषि मंत्री शोवनदेव चट्टोपाध्याय के साथ हाजरा पार्क दुर्गोत्सव कमेटी के संयुक्त सचिव सायन देब चटर्जी व समाज के कई अन्य सम्मानित अतिथि शामिल हैं।
दिन-रात मेहनत करते हैं ऑटो रिक्‍शा चालक


मीडिया से बात करते हुए हाजरा पार्क दुर्गोत्सव कमेटी के संयुक्त सचिव सायन देब चटर्जी ने कहा, सिटी ऑफ जॉय कहलाने वाला शहर कोलकाता समय के साथ ताल से ताल मिलाकर लगातार विकसित हो रहा है। यहां के लोगों ने पीछे हटना और पीछे मुड़ कर देखना सीखा ही नहीं है। हमारे साथ हमारे आसपास रहने वाले ऑटोरिक्शा चालक एक माता-पिता, जीवनसाथी या फिर एक बेटे के रूप में विभिन्न भूमिकाएं निभा रहे हैं, वे तीन पहियों वाले ऑटोरिक्शा चालक के रूप में एक और अहम भूमिका निभाकर हर रोज हमे गंतव्य स्थल तक पहुंचते हैं।

वे दिन-रात मेहनत करके मामूली रकम कमाते हैं, लेकिन वे जानते हैं कि उनके पास जो कुछ भी है, उससे अपने माता-पिता और बच्चों को कैसे खुश रखना है। हर रात वे अपने फटे कंबल ओढ़कर सोते हुए एक दिन लाखों कमाने का सपना देखते हैं। इन्हीं ऑटोरिक्शा चालकों पर यह थीम और मंडप सज्जा के साथ पूजा का आयोजन किया जा रहा है।

उन्होंने सभी को परिवार और दोस्तों के साथ पूजा में आने के लिए आमंत्रित किया।
हाजरा पार्क में पूजा का अपना महत्व और गौरव
आपको बता दें कि हाजरा पार्क में पूजा का अपना महत्व और गौरव है। पहले यह पूजा भवानीपुर में आयोजित की जाती थी। इसके बाद 1945 में इसका हाजरा पार्क में स्थानांतरण हो गया। अब पिछड़े वर्ग के लोग भी इस पूजा में स्वतंत्र रूप से भाग ले सकते है। आज भी एक परंपरा के रूप में समिति के सदस्यों द्वारा हर वर्ष लगभग 1000 हरिजनों को बैठाकर उन्हें भोग एवं प्रसाद परोसा जाता है। यह उन पीढ़ियों के सम्मान का प्रतीक है, जिन्होंने वर्षों से हमारे शहर को साफ रखा है। जिनके कारण हीं हम स्वस्थ वातावरण में रहते हैं।

देखें तस्वीरें

चल रहा पंडालों का निमार्ण कार्य
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