Cyclone Remal : रेमल चक्रवात से बंगाल में गुजरी तबाही की रात

Cyclone Remal : रेमल चक्रवात से बंगाल में गुजरी तबाही की रात
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– बंगाल में 135kmph की रफ्तार से तूफान रेमल का लैंडफॉल
– पेड़-खंभे उखड़े, एक की मौत
कोलकाता : खतरनाक चक्रवाती तूफान रेमल रविवार रात 8.30 बजे पश्चिम बंगाल के कैनिंग और बांग्लादेश के मोंगला में 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आया। लैंडफॉल 4 घंटे तक चला। इस दौरान तटीय इलाकों उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्वी मेदिनीपुर, दीघा, काकद्वीप, जयनगर, कोलकाता, हुगली और हावड़ा में 60KMPH की रफ्तार से हवाएं चली और बारिश हुईं। राजधानी कोलकाता में 100 से ज्यादा पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए। सड़कों पर पानी भर गया। कोलकाता में घर की छत गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई।
कोलकाता एयरपोर्ट पर 21 घंटे बाद फ्लाइट सर्विस शुरू
कोलकाता के सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट पर 21 घंटे बाद फ्लाइट सर्विस दोबारा शुरू हो गई है। तूफान से पहले रविवार को इसे बंद किया गया था। 394 फ्लाइट्स कैंसिल हुई थीं। कोलकाता में रविवार सुबह 8.30 बजे और सोमवार सुबह 5.30 बजे के बीच 146 मिमी बारिश दर्ज की गई। हल्दिया में 110 मिमी, तामलुक में 70 मिमी और निमिथ में 70 मिमी बारिश हुई।
अभी तूफान की क्या स्थिति है
मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, गंभीर चक्रवाती तूफान 'रेमल' सोमवार सुबह कमजोर होकर एक चक्रवाती तूफान में बदल गया​​​​​ है। अब यह नॉर्थ-ईस्ट की ओर 13 KMPH की रफ्तार से बढ़ रहा है। यानी बंगाल से लगे त्रिपुरा, असम, मेघालय, सिक्किम में इसका असर दिखेगा। हालांकि तब तक यह कमजोर हो चुका होगा। तूफान की वजह से पश्चिम बंगाल के अलावा ओडिशा, झारखंड और बिहार के कुछ इलाकों में 27 और 28 मई को बारिश होगी।

तूफान को लेकर क्या तैयारी थी
केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ की 14 टीमों को बंगाल के तटीय इलाकों में तैनात किया था। 4 टीमें स्टैंडबाय पर थीं। इसके अलावा जहाजों और विमानों के साथ सेना, नौसेना और कॉस्ट गार्ड टीम भी इमरजेंसी के लिए मुस्तैद थीं। बंगाल के तटीय इलाकों से करीब 1.10 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया था। इंडिगो एयरलाइन ने बताया कि रेमल तूफान के कारण बागडोगरा, गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, जोरहाट, दीमापुर, इंफाल, अगरतला, रांची और दुर्गापुर की उड़ानें प्रभावित हुई हैं। एयरपोर्ट के लिए निकलने के पहले यात्री फ्लाइट का समय जरूर देखें।
कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि ऊंची और जर्जर इमारतों में रह रहे लोगों का शिफ्ट किया गया है। 15 हजार लोगों को तूफान के बाद की स्थिति से निपटने के लिए तैनात किया गया है। उखड़े पेड़ों को तत्काल हटाया जा रहा है।

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