

कोलकाता : इस साल मानसून ने पूर्वोत्तर राज्यों में दस्तक देने में देर कर दी है। वहीं, चिलचिलाती गर्मी के प्रकोप से लोगों का हाल बेहाल है। पूरे दिन थक-हार कर जब लोग अपने घर आराम करने जाते हैं तो वहां बिजली नहीं रहती। इससे लोगों में गुस्सा फुट गया है। आये दिन CESC की ओर से बिजली की कटौती की जा रही है। पिछले कुछ दिनों में कोलकाता के इजारेदार बिजली आपूर्तिकर्ता के खिलाफ कई शिकायतें सामने आई हैं, क्योंकि भीषण गर्मी के साथ बिजली की किल्लत ने लोगों के जनजीवन को दयनीय बना दिया है।
लोगों ने गुस्सा निकालने के लिये लिया ट्विटर का सहारा
CESC की ओर से की जा रही बिजली की कटौती के खिलाफ आवाज उठाने के लिये लोगों ने ट्विटर का सहारा लिया है। लोगों ने पावर कट को लेकर कई ट्वीट किये हैं।
हेल्पलाइन नंबर नहीं कर रहा काम
लोगों ने शिकायत की है कि CESC द्वारा जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर काम नहीं कर रहा है। लोग जब भी शिकायत करने के लिये फोन करते हैं तो उनका कॉल होल्ड पर रख दिया जाता है। कॉल पर लंबे समय के इंतजार करने के बाद भी बिजली कब वापस आयेगी इसकी कोई जानकारी नहीं दी जाती है।
लोगों ने क्या किया ट्वीट?
क्या कहना है सीईएससी के अधिकारी का?
सीईएससी के अधिकारियों ने कहा कि ' हम तीन हेल्पलाइन नंबरों के जरिए एक साथ 1,000 फोन कॉल को हैंडल करने में सक्षम हैं। हमारे पास 160 एजेंट हैं जो हेल्पलाइन नंबरों का संचालन कर रहे हैं। यदि वे सभी कॉल अटेंड करने में व्यस्त हैं, तो आईवीआर अन्य कॉल करने वालों के साथ बातचीत करता है'।
आपको बता दें कि, महानगर में भीषण गर्मी के बीच लोडशेडिंग के मुद्दे पर शुक्रवार को राज्य के विद्युत मंत्री अरूप विश्वास ने सीईएससी के अधिकारियों संग बैठक की। उन्होंने लोडशेडिंग को लेकर जांच करने के बारे में अधिकारियों से कहा और शहर में विद्युत आपूर्ति सही रखने की बात कही। वहीं एक सीईएससी अधिकारी ने बताया कि ओवरलोडिंग के कारण लोडशेडिंग की समस्या हो रही है। बगैर अनुमोदन लिये लोग एसी लगवा ले रहे हैं जिस कारण लोडशेडिंग हो रही है।
पिछले तीन माह में महानगर में डेढ़ लाख से अधिक एसी लगवाये गये
पिछले 3 महीने में CESC को केवल 45,000 नये एसी लगाने के आवेदन मिले जबकि अनुमान है कि इस दौरान शहर में डेढ़ लाख से अधिक एसी लगवाये गये हैं। अधिकारी ने कहा कि दो तिहाई लोगों ने बगैर अनुमति लिये ही एसी लगवा ली है। उक्त अधिकारी ने कहा, 'ट्रांसफॉर्मर लेवल पर ओवरलोड होने से पावर ट्रिप हो जाता है ताकि आगे किसी तरह के नुकसान को रोका जा सके। जैसे ही तय सीमा में लोड आता है तो बिजली वापस आ जाती है। 2450 से 2495 मेगावाट की मांग होने पर किसी तरह की बिजली की कमी नहीं होती है।'
दी जा सकती है नोटिस
अधिकारी ने बताया कि सीईएससी के लगभग 5,000 कर्मी फॉल्ट की समस्या को देख रहे हैं और 8,700 ट्रांसफॉर्मरों में से केवल 7 से 8 ट्रांसफॉर्मरों में यह समस्या हो रही है। अनुमोदित क्षमता से अधिक बिजली का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को सीईएससी द्वारा नोटिस दी जा सकती है।