बजबज विस्फोट कांड : 18 हजार लोगों के सामने खड़ी हुई रोजी-रोटी की समस्या

बजबज विस्फोट कांड : 18 हजार लोगों के सामने खड़ी हुई रोजी-रोटी की समस्या
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आरोप – वैध कारोबार होने के बावजूद पुलिस कर रही परेशान
एगरा कांड को जोड़कर पुलिस कर रही कार्रवाई
सन्मार्ग संवाददाता
दक्षिण 24 परगना : बजबज और महेशतल्ला से चंद किलोमीटर दूर स्थ‌ित चिंगरीपोता ग्राम पंचायत के विभिन्न गांवों में पटाखा कारोबार पिछले कई वर्षों से चल रहा है। इस पेशे से कई परिवारों का जुड़ाव दशकों से बदस्तूर जारी है। यहां पर पटाखा कारोबार से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि दशकों पहले इलाके के कुछ लोग पश्चिम मिदनापुर के लतीपुर गांव गए थे। वहां से पटाखा बनाने का तरीका सीखने के बाद लोग यहां आए और फिर यहां पर पटाखा कारखाना बना लिया। धीरे-धीरे पटाखा कारोबार ने इस इलाके में कुटीर उद्योग का रूप ले लिया। आलम यह है कि मौजूदा समय में इस पंचायत के करीब 17 से 18 हजार लोग पटाखार कारोबार से जुड़े हुए हैं। इलाके में लोग काफी दिनों से सरकारी मापदंड को अपनाकर पटाखा का निर्माण करते हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस एगरा कांड से बजबज के दासपाड़ा की घटना को जोड़ कर देख रही है, यह उचित नहीं है। आलम यह है कि पुलिस ने रातोंरात कई लोगों के गोदामों से लाखों का पटाखा जब्त कर लिया। इससे कई लोगों की पूंजी डूब गयी। आलम यह है कि उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गयी है। इस घटना के सिलसिले में पुलिस काे अवैध कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। पुलिस इस बीच वैध पटाखा कारोबारियों के ग्र‌ीन पटाखों को जब्त करके ले जा रही है। इस इलाके में साल भर पटाखे बनाए जाते हैं। इलाके में अधिकतर महिलाएं पटाखा व्यवसायियों के पास प्रतिदिन मजदूरी के तौर पर काम करती हैं। इलाके में करीब प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 17-18 हजार लोग इस कारोबार से जुड़े हुए हैं। इस पेशे के कारण घर की म‌हिलाओं का थोड़ा बहुत रोजगार हो जाता है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इलाके में पटाखा व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए कुछ दिन पहले ग्र‌ीन पटाखों के निर्माण के बारे में जानकारी दी गई थी। उसी तरह से पटाखों का निर्माण यहां किया जा रहा है। इलाके में कालीपूजा और शबेबारात के दौरान अच्छा कारोबार होता है। इसके अलावा राज्य के अन्य इलाकों में भी पटाखों की सप्लाई होती है।
क्या कहना है आतिशबाजी व्यवसायी समिति से जुड़े सदस्यों का : आतिशबाजी व्यवसाई समिति से जुड़े कनाई दास ने कहा कि इलाके में व्यवसायी समिति की ओर से लोगों में जागरूकता अभियान चलाया जाता है। उन्होंने कहा कि घांटी परिवार का ध्यान पूजा पाठ में अधिक रहता है। पूजा करने के दौरान अगरबत्ती जलाई गई थी और हवा के झोंके कारण पटाखों में आग लग गई। आग में झुलसने से एक ही परिवार के तीन लोग मरे हैं।
पापी पेट के लिए पटाखा काराेबार करने को हूं मजबूर : इलाके के कई पटाखा कारोबार से जुड़े लोगों जैसे नमिता नस्कर, कल्पना वैद्य, शेख मुंशीरा बीबी ने संयुक्त रूप से कहा कि कम पढे़, लिखे और आर्थिक स्थित‌ि कमजाेर होने के नाते इस तरह के काम को करने के लिए मजबूर हूं। सरकारी तौर पर सहयोग मिलने से और सुविधा होगी। हमारे पास इस कार्य को छोड़ कर अन्य काम करने का कोई विकल्प नहीं है।

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