Kolkata Metro को लेकर बड़ी खबर !

Kolkata Metro को लेकर बड़ी खबर !
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– ईस्ट-वेस्ट मेट्रो : ब्लू व ग्रीन लाइन के साइनेज को आम यात्रियों के लिए समझना मुश्किल

साइनेज के बावजूद लोग हो रहे हैं कंफ्यूज्ड

ब्लू व ग्रीन लाइन नहीं बल्कि हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड इलेक्ट्रिक बोर्ड लगाने की अपील

मेट्रो रेलवे ने एस्प्लेनेड समेत कुछ स्टेशनों पर लगाये बैनर व साइनेज

कोलकाता : अंडररिवर मेट्रो हो या फिर कोलकाता से हावड़ा स्टेशन जाना हो। हर कोई ग्रीन लाइन अर्थात ईस्ट-वेस्ट मेट्रो में सफर करना चाहता है। यहीं वजह है कि हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड के मेट्रो में लोगों की भीड़ लगातार देखने को मिल रही है। क्योंकि लोगों को यह सफर काफी आसान लगता है। चाहे ऑफिस जाना हो या फिर स्कूल हर कोई इस मेट्रो के सफर का आनंद ले रहा है। यहां तक की घर की महिलाएं जो कभी भी मेट्रो में नहीं आती जाती है। वे भी इस मेट्रो में सफर कर गंगा के नीचे से होकर गुजरना चाहती है। ऐसे में रोजाना मेट्रो में 40 से 50 हजार लोगों की भीड़ हो रही है। इससे कोलकाता के मेट्रो की आय में भी इजाफा हुआ है। हालांकि लोगों की सुविधा के लिए विभिन्न मेट्रो स्टेशनों जैसे ब्लू लाइन अर्थात नार्थ-साउथ लाइन और ग्रीन लाइन में साइनेज, बोर्ड व बैनर लगाये गये हैं। ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके बावजूद यात्री कंफ्यूज्ड हो रहे हैं कि उन्हें यह पता ही नहीं है कि उन्हें ब्लू लाइन के स्टेशन से ग्रीन लाइन और ग्रीन लाइन से हावड़ा स्टेशन कैसे जाना है? इसका एक बड़ा तबका रोजाना इस परेशानी से गुजर रहा है।

साइनेज लगाने के बाद भी लोगों काे नहीं आ रहा है समझ : उदाहरण के तौर पर अगर आप को ब्लू लाइन के महात्मा गांधी मेट्रो से एस्प्लेनेड और फिर वहां से ग्रीन लाइन यानी ईस्ट-वेस्ट मेट्राे यानी एस्प्लेनेड से हावड़ा स्टेशन जाना है तो उनके लिए पहले से ही साइनेज लगाये गये हैं लेकिन लोगों को समझ ही नहीं आ रहा है। टॉलीगंज की सुनीता यादव को ईस्ट वेस्ट मेट्रो के जरिये हावड़ा जाना था। मगर उनका कहना था कि ब्लू व ग्रीन लाइन साइनेज लगाने से उन्हें यह पता नहीं है कि कौन सी ट्रेन कहां जायगी। एस्प्लेनेड और हावड़ा मैदान स्टेशन आदि के बोर्ड लगने से आसाानी से समझ में आ जायेगा।

कहा सीपीआरओ ने : मेट्रो यात्रियों की साइनेज की समस्या को लेकर मेट्रो के सीपीआरओ कौशिक मित्रा ने कहा कि यात्रियों को परेशानी हो रही है। इसे देखते हुए ही मेट्रो ने हिन्दी, इंग्लिश व बंग्ला में क्लियर रूप में नये बैनर व साइनेज लगाये हैं ताकि लोगों को समझने में आसानी हो।

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