Dhanteras 2023: जानें पूजा विधि और खरीदारी का सबसे शुभ मुहूर्त

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कोलकाता: धनतेरस का त्योहार आज देशभर में मनाया जा रहा है। इस दिन शाम के समय भगवान धन्वंतरि, कुबेर देवता, मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु जी की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस के दिन कुबेर देवता की उपासना की जाती है। इससे धन लाभ होता है। मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और पैसों की तंगी दूर होती है। धनतेरस के दिन दीपदान भी किया जाता है।

धनतेरस 2023 पूजा शुभ मुहूर्त

त्रयोदशी तिथि का आरंभ: 10 नवंबर 2023 को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से त्रयोदशी तिथि का समाप्त: 11 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 57 तक
धनतेरस पूजा मुहूर्त: 10 नवंबर 2023 को शाम 5 बजकर 47 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 47 मिनट तक
धनतेरस पर खरीददारी  के लिए शुभ मुहूर्त 
अभिजीत मुहूर्त :- 11:43 AM से 12:26 AM
शुभ की चौघड़िया :- 12:04 PM से 1:30 PM
चर :- 4 PM से 5:30 PM
लाभ :- 8:47 PM से 10:26 PM
धनतेरस के दिन इस समय न खरीदें ये चीजेंराहुकाल में कुछ भी खरीदना शुभ नहीं माना जाता है। धनतेरस के दिन राहुकाल का समय सुबह 10 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 4 मिनट तक रहेगा।

धनतेरस पूजा विधि

शुभ मुहूर्त में ही धनतेरस की पूजा प्रारंभ करें। मंदिर में एक चौकी स्थापित कर उसपर लाल कपड़ा रखें अब चौकी भगवान गणेश, मां लक्ष्मी, कुबेर जी और धन्वंतरि की मूर्ति या तस्वीर रखें। अब चौकी के पास एक घी का दीपक जरूर जलाएं। इसके बाद सभी देवी-देवताओं को अक्षत,सिंदूर, धूप, दीप, फल, फूल, दूर्वा, पान का पत्ता और सुपारी अर्पित करें। फिर धन्वंतरि स्त्रोत, लक्ष्मी-कुबेर मंत्र और  गणेश जी, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की आरती करें।
धनतेरस के दिन इन मंत्रों का करें जापलक्ष्मी मंत्र-

ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:॥

कुबेर मंत्र-

ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥

धन्वंतरि मंत्र-

'ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः'

धनतेरस मनाने की पौराणिक कथाधनतेरस के दिन सोना-चांदी और बर्तन खरीदना भी काफी शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को समुद्र मंथन के दौरान धन्वंतरि भगवान अमृत का कलश लिए प्रकट हुए थे, इसलिए धनतेरस के दिन बर्तन खरीदना भी बेहद शुभ माना जाता है। धन्वंतरि देव जी ने संसार में चिकित्सा विज्ञान का प्रचार-प्रसार किया था। धनतेरस के दिन अच्छे स्वास्थ्य के लिए इनकी पूजा-अर्चना भी की जाती है।

 

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