50 साल के बाद महिला को मिलाया परिवार से
जितेन्द्र पांडेय
सिलीगुड़ी : आपने फिल्म बजरंगी भाईजान तो जरूर देखी होगी, जिसमें हीरो अपने परिवार से बिछड़ी एक बच्ची को तमाम मुश्किलों को पार करते हुए उसके परिवार से मिलाता है। बजरंगी भाईजान तो सिर्फ एक फिल्म थी, लेकिन असल जिंदगी में भी कभी-कभी ऐसा होता है, जब कोई किसी के लिए ‘बजरंगी भाईजान’ बन जाता है। क्या आपको पता है दार्जिलिंग की जिलाधिकारी आईएएस प्रीति गोयल भी एक परिवार के लिए वास्तविक जीवन में ‘बजरंगी भाईजान’ बन गई थीं। उन्होंने एक महिला को उसके परिवार के सदस्यों से अलग होने के 50 साल के लम्बे अंतराल के बाद मिलवाया था।
यह कहानी उस समय शुरू होती है, जब प्रीति गोयल आईएएस नहीं बनीं थीं। जहां पर प्रीति रहती थीं, वहां उन्होंने अपनी एक पड़ोसी अनीता से उसकी आपबीती सुनी थी। अनीता ने बताया था कि उसकी शादी वर्ष 1967 में नागालैंड सेना के एक अधिकारी से हुई थी और शादी के बाद वह पंजाब चली गयी। सेवानिवृत्ति के बाद दुर्भाग्य से अनीता के पति की मृत्यु हो गई और अनीता बहुत अकेली हो गई। अनीता को अपने परिवार की याद सताने लगी, जो नागालैंड में रहता था। हालांकि, उसे केवल अपने पिता का नाम याद था। साथ ही उसे अपने घर के पास एक सिनेमा हॉल की धुंधली याद थी।
अनीता के दो बेटे हैं, जिन्होंने अपने परिवार का पता लगाने के लिए काफी प्रयास किये, लेकिन असफल रहे।
2013 में प्रीति गोयल आईएएस अधिकारी बनीं और हुगली जिले में उस समय तत्कालीन सब डिविजनल ऑफिसर (एसडीओ) के पोस्ट पर उनकी नियुक्ति हुई। प्रीति गोयल हुगली जिले के आरामबाग में तत्कालीन एसडीओ के रूप में तैनात थी, उस समय भी उनके दिमाग में अनीता की कहानी घूम रही थी। जानकारी के मुताबिक, अनीता को उसके परिवार के सदस्यों से मिलाने के लिए प्रीति ने अपना मिशन जारी रखा था। दो साल की असफल कोशिशों के बाद, आखिरकार प्रीति 2016 में अनीता के परिवार के सदस्यों तक पहुंचने में सफल रहीं। हालांकि उनको यह सफलता ऐसे ही नहीं मिली, एक आईएएस अधिकारी होने के नाते उन्होंने अनीता के परिवार को ढूंढने के लिए अपने नेटवर्क, सभी संसाधनों और संपर्कों का उपयोग किया। जब अनीता ने 50 साल बाद अपने परिवार से बात की तो उसके आंसू थमने के नाम नहीं ले रहे थे। अंततः अनीता ने अपने परिवार के साथ रहने के लिए नागालैंड लौटने का फैसला लिया। इसलिए अनीता की पोती कामिनी सिंगला प्रीति को अपनी असल जिंदगी का ‘बजरंगी भाईजान’ मानती है। इस संबंध में दार्जिलिंग की जिलाधिकारी प्रीति गोयल ने सन्मार्ग के साथ खास बातचीत में बताया कि उन्हें इस बात की खुशी है कि वह अनीता को उसके परिवार से मिलवाने में सफल रही।