अमर्त्य सेन पर मालवीय के बयान से भाजपा नेताओं का एक वर्ग असंतुष्ट

अमर्त्य सेन पर मालवीय के बयान से भाजपा नेताओं का एक वर्ग असंतुष्ट
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : नोबल पुरस्कार प्राप्त अमर्त्य सेन पर भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय के बयान से प्रदेश भाजपा नेताओं का एक वर्ग असंतुष्ट है। दरअसल, भाजपा नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर अमर्त्य सेन पर निशाना साधा और उन पर विश्वभारती विश्वविद्यालय की जमीन हड़पने का आरोप भी लगाया। इसके साथ ही उन्होंने उन बुद्धिजीवियों पर भी ​निशाना साधा जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपील की कि विश्वभारती प्रबंधन को अमर्त्य सेन को सम्मान देना चाहिये। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर ये बुद्धिजीवी किसके कहने पर अमर्त्य सेन का समर्थन कर रहे हैं। यहां उल्लेखनीय है कि विश्वभारती प्रबंधन और अमर्त्य सेन के बीच पिछले कुछ समय से जमीन विवाद चल रहा है। विश्वभारती की ओर से सेन पर विश्वविद्यालय की जमीन हड़पने का आरोप लगाया गया है और इसे लेकर सेन को नोटिस भी भेजी गयी है। इसे लेकर 120 बुद्धिजीवियों ने पत्र लिखकर पीएम मोदी से विश्वविद्यालय के वीसी की निंदा की और अपील की कि विश्वविद्यालय को अमर्त्य सेन का सम्मान करना चाहिये। इस चिट्ठी को हथियार बनाते हुए भाजपा के आईटी सेल के अमित मालवीय ने बुद्धिजीवियों को आड़े हाथों लिया। मालवीय ने ट्वीट किया, 'अमर्त्य सेन ने अपने समय में विश्वभारती विश्वविद्यालय में काफी अनियमितता और जमीन हड़पने का काम किया। इसके बावजूद 120 तथाकथित बुद्धिजीवियों ने उनके समर्थन में पीटिशन पर हस्ताक्षर किया। ये लोग कौन हैं जो उनका समर्थन कर रहे हैं।' हालांकि अमित मालवीय का यह बयान पार्टी में ही कुछ नेताओं को रास नहीं आ रहा है। इनका मानना है कि अमर्त्य सेन पर बयान देकर पार्टी अपनी छवि खराब कर रही है और विशेषकर बंगालियों से विमुख हो रही है। अमर्त्य सेन का नाम बंगालियों की भावनाओं के साथ भी जुड़ा है, इस कारण उन पर किसी तरह का बयान नहीं देना चाहिये। इसी तरह सेव बंगाल बीजेपी नाम से इसे लेकर ट्वीटर पर भी कहा गया है। इस समूह का भी यही मानना है कि इस तरह के बयान देकर पार्टी बंगालियों के सामने अपनी छवि ​बिगाड़ रही है।

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