ऑपरेशन ‘साइबर शक्ति’ में 46 साइबर ठग गिरफ्तार

प‌श्चिमांचल के जिलों में 250 लोगों से करोड़ों की साइबर ठगी का आरोप
गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते डीआीजी साइबर क्राइम विंग अमित कुमार राठौड़। साथ में हैं एडीजी साउथ बंगाल सुप्रतिम सरकार
गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते डीआीजी साइबर क्राइम विंग अमित कुमार राठौड़। साथ में हैं एडीजी साउथ बंगाल सुप्रतिम सरकार
Published on

कोलकाता : जामताड़ा गैंग के सदस्य अब बंगाल के विभिन्न जिलों में ठिकाना बनाकर साइबर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। राज्य के विभिन्न जिलों में किराये पर कमरे लेकर साइबर ठग लोगों से विभिन्न तरह की ठगी को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में राज्य पुलिस के साइबर क्राइम विंग ने ऑपरेशन साइबर शक्ति के तहत विशेष अभियान चलाकर राज्य भर से 46 लोगों को गिरफ्तार किया है। साइबर क्राइम विंग के अधिकारियों ने अभियुक्तों के पास से 84 फोन, 84 सिम कार्ड, दो लैपटॉप सहित 100 से अधिक म्यूल बैंक अकाउंट जब्त किये हैं। इसकी जानकारी राज्य साइबर क्राइम विंग के डीआईजी अमित कुमार राठौड़ ने गुरुवार को दी।

क्या है पूरा मामला

पुलिस के अनुसार बीते एक महीने में हुगली, पश्चिम बर्दवान के आसनसोल और पूर्व बर्दवान के कुछ इलाकों से साइबर ठगी के विभिन्न आरोप सामने आए थे। पिछले महीने में लगभग 250 शिकायतें दर्ज की गईं। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद पुलिस ने कार्रवाई की। ठगों का पता लगाने के लिए 'साइबर शक्ति' ऑपरेशन शुरू किया गया था। सबसे पहले बीरभूम के खैराशोल से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारियों की संख्या धीरे-धीरे बढ़कर 46 हो गयी। पुलिस का दावा है कि इनमें से प्रत्येक का जामताड़ा गिरोह से संबंध है। पुलिस जांच के लिए यह नहीं बता रही है कि आरोपितों को किस क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। राज्य पुलिस के एडीजी (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने कहा कि अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जामताड़ा गिरोह वर्तमान में विभिन्न स्थानों पर फैल रहा है। यह राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न स्थानों पर अपना ठिकाना बना रहे हैं। पश्चिम बंगाल भी उनमें शामिल है। जामताड़ा के बारे में हम सभी जानते हैं। वहां साइबर धोखाधड़ी का कुटीर उद्योग विकसित हो गया है। यह क्षेत्र देश की साइबर धोखाधड़ी की राजधानी बन गया है। इसीलिए वे पुलिस की नजर से बचने के लिए अलग-अलग जगहों पर फैल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जालसाजों ने झारखंड से सटे पश्चिमी क्षेत्र को इसलिए चुना क्योंकि यह उत्तर बंगाल या दक्षिण बंगाल की तुलना में अधिक सुविधाजनक था। जामताड़ा पहुंचने और वापस आने के लिए पश्चिमी क्षेत्र आरोपितों के लिए सुविधाजनक था। पुलिस ने बताया कि ये जालसाज अपने शिकार को फंसाने के लिए तरह-तरह के जाल बिछाते थे। इस सूची में फिशिंग, ओटीपी धोखाधड़ी, फर्जी निवेश का प्रलोभन, सेक्सटॉर्शन, गैस सब्सिडी धोखाधड़ी, शेयर बाजार निवेश का प्रलोभन और अन्य प्रकार की धोखाधड़ी शामिल है।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in