बदायूं में जामा मस्जिद के नीलकंठ महादेव मंदिर होने के दावे पर सुनवाई 10 को

बदायूं में जामा मस्जिद के नीलकंठ महादेव मंदिर होने के दावे पर सुनवाई 10 को
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बदायूं : उत्तर प्रदेश में बदायूं की एक अदालत ने जामा मस्जिद के नीलकंठ महादेव मंदिर होने के दावे संबंधी मुकदमे की पोषणीयता (सुनवाई योग्य) पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए अगली तारीख 10 दिसंबर तक की। एक वकील ने बताया कि सिविल जज सीनियर डिवीजन अमित कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों के वकीलों को पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे अदालत में पेश होकर अपना पक्ष रखना है। अदालत ने मुस्लिम पक्ष को 10 दिसंबर को पूर्वाह्न साढ़े दस बजे बहस के लिए पेश होने का निर्देश दिया। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि मुस्लिम पक्ष को उसी दिन अपनी बहस पूरी करनी होगी, जिसके बाद हिंदू पक्ष के वकील अपना पक्ष रखेंगे

मुस्लिम पक्ष ने कहा-मस्जिद 850 साल पुरानी : जामा मस्जिद शम्सी बनाम नीलकंठ मंदिर मामले में मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने मंगलवार को इस मामले को खारिज करने की दलील दी और कहा कि हिंदू महासभा को इस मामले में वादी बनने का कानूनी अधिकार नहीं है। शम्सी शाही जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी/वक्फ बोर्ड के वकील असरार अहमद ने बताया कि मस्जिद करीब 850 साल पुरानी है और वहां मंदिर का कोई अस्तित्व नहीं है। हिंदू महासभा को इस मामले में याचिका दायर करने का अधिकार ही नहीं है। मस्जिद में पहले भी कभी पूजा नहीं की गई और वहां पूजा की भी नहीं जा सकती इसलिए पूजा-अर्चना की अनुमति देने का कोई औचित्य नहीं है।

हिन्दू पक्ष ने कहा-यह पहले राजा महिपाल का किला था : हिंदू पक्ष के वकील वेद प्रकाश साहू ने कहा कि हम मस्जिद में मंदिर होने का सबूत पेश करके अदालत से पूजा की अनुमति भी लेंगे। नीलकंठ महादेव मंदिर के वादी मुकेश पटेल ने बताया कि यह राजा महिपाल का किला था और यहां एक मंदिर था, जिसे गुलाम वंश के शासक एवं आक्रमणकारी शमसुद्दीन इल्तुतमिश ने तोड़कर मस्जिद में तब्दील कर दिया था। ।

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