भावी पीढ़ी को दिग्गज सिनेमाकार दे रहे मास्टर क्लास

सूचना और प्रसारण सचिव संजय जाजू ने कहा कि अपने जमाने के बेहतरीन सिनेमाकार और समकालीन सिनेमाकार मनोरंजन जगत में जाने के इच्छुक युवाओं को फिल्म बनाने की कला की हर विधा समझायेंगे।
भावी पीढ़ी को दिग्गज सिनेमाकार दे रहे मास्टर क्लास
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पणजी से सर्जना शर्मा

अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में देश-विदेश के जाने-माने फिल्म निर्माता-निर्देशक, कलाकार, संगीतकार, कैमरामैन भावी फिल्मकारों को सिनेमा की विधा, बारीकियां और सिनेमा जगत के हालात से मुकाबला करना सिखा रहे हैं। इसी के लिए IFFI में मास्टर क्लास में 21 क्लास दी जाएंगी। फिल्म जगत की हस्तियां मुजफ्फर अली, अनुपम खेर, विधु विनोद चोपड़ा, खुशबू सुंदर आदि मास्टर क्लास ले रहे हैं।

पहली बार आम जनता के सामने फिल्म महोत्सव में सार्वजनिक रूप से मास्टर क्लास का उद्घाटन किया गया। सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने कहा कि अपने फन के माहिर कलाकार भावी सिनेमा पीढ़ी को अपने अनुभव का ज्ञान देंगे, उनके प्रश्नों के उत्तर देंगे और तकनीकी बारीकियां समझाएंगे। इस बार 200 फिल्में दिखाई जाएंगी, जो दुनियाभर में भारत के बढ़ते प्रभाव का प्रतिनिधित्व करेंगी। इस बार 50 महिला निर्माता-निर्देशकों की फिल्में महोत्सव में शामिल की गयी हैं, ये सिने जगत में नारी शक्ति की उपस्थिति दर्ज करती हैं।

सूचना और प्रसारण सचिव संजय जाजू ने कहा कि अपने जमाने के बेहतरीन सिनेमाकार और समकालीन सिनेमाकार मनोरंजन जगत में जाने के इच्छुक युवाओं को फिल्म बनाने की कला की हर विधा समझायेंगे। मास्टर क्लास में महारथियों के लेक्चर के अलावा पैनल चर्चा, वर्कशॉप, बेहतरीन फिल्मों का सिंहावलोकन, कैसे दृश्य फिल्माए गए, निर्माता-निर्देशक ने अपने मन के भीतर की कथा-कहानियों को पर्दे पर कैसे उतारा, ये बताया जाएगा।

कई मास-कॉम कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के मीडिया विभागों और सिनेमा संस्थानों के छात्र मास्टर क्लास ले रहे हैं। उद्घाटन सत्र में मुजफ्फर अली, शाद अली, एनएफडीसी के प्रबंध निदेशक प्रकाश मगदूम और दक्षि भारत के फिल्म निर्माता रवि कोट्टाकारा मौजूद थे।

क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टूमारो सत्र का उद्घाटन

इससे पहले उभरती रचनात्मक युवा पीढ़ी के लिए क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टूमारो सत्र का उद्घाटन एल मुरुगन ने ही किया। इसमें देश के 130 युवा लघु फिल्म निर्माताओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस बार 1000 से ज्यादा प्रविष्टियां आयीं, जिसमें से 130 को चुना गया। उन्होंने कहा कि ये युवा रचनाकार भारत के भविष्य के सिनेमा की बुनियाद बनेंगे।

क्या है 48 घंटे फिल्म चैलेंज

48 घंटे फिल्म चैलेंज एक ऐसी प्रतियोगिता है जिसमें फिल्म निर्माता टीमों को एक निश्चित समय सीमा के भीतर एक लघु फिल्म बनानी होती है। इस चुनौती में, टीमों को फिल्म शुरू करने के लिए एक शैली, एक पात्र, एक प्रॉप और एक संवाद पंक्ति दी जाती है, और उन्हें 48 घंटे के भीतर पूरी फिल्म को शूट, संपादित और तैयार करना होता है। यह विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय फिल्म समारोहों और प्रतियोगिताओं का एक हिस्सा है।

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