अब सुप्रीम कोर्ट में फंसा ‘हमारे बारह’ फिल्म का मामला, मेकर्स को कट्टरपंथियों की धमकी | Sanmarg

अब सुप्रीम कोर्ट में फंसा ‘हमारे बारह’ फिल्म का मामला, मेकर्स को कट्टरपंथियों की धमकी

नई दिल्ली: अन्नू कपूर स्टारर फिल्म ‘हमारे बारह’ लगातार विवादों में घिरी हुई है। फिल्म का टीजर जारी होने के बाद से ही इस फिल्म को लेकर बवाल मचा हुआ है। फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की जा रही है। वहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हमारे बारह का ट्रेलर भी हटाया जा चुका है। फिल्म पर धर्म विशेष के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाया जा रहा है और इसकी रिलीज को रोके जाने की मांग हो रही है। इस बीच जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच से अन्नू कपूर की फिल्म’हमारे बारह’ को राहत नहीं मिली है। ये फिल्म कल ही रिलीज होने वाली थी।

 

मामले के निपटारे तक रिलीज पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के द्वारा मामले के निपटारे तक फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी। साथ ही हाई कोर्ट से अनुरोध करते हुए कहा है कि याचिका को तेजी से निपटाया जाए। याचिकाकर्ता का कहना था कि बाम्बे हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका मे CBFC खुद पक्षकार है और उसकी ही कमेटी फिल्म की स्क्रीनिंग कैसे कर सकती है?  याचिकाकर्ता का कहना था कि CBFC इस फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए एक कमेटी बनाई थी। CBFC की कमेटी ने स्क्रीनिंग के बाद उस फिल्म के टीजर और उससे जुड़े कुछ हिस्सों को हटाने का सुझाव दिया था। जिसको हटा लिया गया था और उसके बाद हाईकोर्ट में इस फिल्म की रिलीज की अनुमति दी थी।

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बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती

याचिकाकर्ता द्वारा बॉम्बे हाई कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट मे  दाखिल की गई याचिका मे कहा गया था कि यह फिल्म इस्लामी आस्था के खिलाफ और भारत में विवाहित मुस्लिम महिलाओं का अपमान करने वाला है। फिल्म के कुछ डायलॉग्स पर भी आपत्ति जताई गई है।

अन्नू कपूर ने जारी किया था वीडियो

फिल्म का टीजर जारी होने के बाद अन्नू कपूर ने एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें उन्होंने फिल्म को लेकर मचे विवाद पर प्रतिक्रिया दी थी। अन्नू कपूर ने अपने वीडियो में दावा किया था कि ये फिल्म सामाजिक मुद्दे पर आधारित है। वीडियो में अभिनेता ने कहा था- ‘ये फिल्म सिर्फ महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के अधिकारों की वकालत करती है। आप सभी पहले फिल्म देखें और इसके बाद ही कोई धारणा बनाएं या अपना फैसला दें। सबको अपनी बात कहने की आजादी है, लेकिन इस तरह किसी को गाली नहीं देनी चाहिए। किसी को जान से मारने की धमकी न दें। हम इन चीजों से डरने वाले नहीं हैं।’

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