महान सिनेमाकार ऋत्विक घटक को दी गयी शताब्दी श्रद्धांजलि

IFFI में ऋत्विक घटक की 2 फिल्में सुबर्ण रेखा और फीयर दिखायी गयी और उन पर एक पुस्तक- ‘मां, उमा और पद्मा द एपिक सिनेमा ऑफ ऋत्विक घटक’ का विमोचन किया गया।
महान सिनेमाकार ऋत्विक घटक को दी गयी शताब्दी श्रद्धांजलि
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पणजी से सर्जना शर्मा

इस बार का भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव जिन महान सिनेमा विभूतियों को समर्पित किया गया है उनमें से एक ऋत्विक घटक भी हैं। ऋत्विक घटक बंगाल के महान सिनेमाकारों की उस श्रेणी में आते हैं, जिसमें सत्यजीत रे और मृणाल सेन जैसे फिल्म निर्माता निर्देशक आते हैं। शताब्दी श्रद्धांजलि कार्यक्रम में वी शांताराम, सलिल चौधरी, ऋत्विक घटक, गुरुदत्त, पी भानुमति, भूपेन हजारिका और राज खोसला की फिल्में दिखायी गयीं और उनके लिए विशेष सत्र रखे गए। ये सभी भारतीय सिनेमा के मील के पत्थर हैं, जिन्होंने सिनेमा में कीर्तिमान स्थापित किए। भारतीय सिनेमा को एक पहचान दी और ऐतिहासिक फिल्में बनाईं।

ऋत्विक घटक की 2 फिल्में सुबर्ण रेखा और फीयर दिखायी गयी और उन पर एक पुस्तक- ‘मां, उमा और पद्मा द एपिक सिनेमा ऑफ ऋत्विक घटक’ का विमोचन किया गया। ये पुस्तक IIT मुंबई के प्रोफेसर और फिल्म निर्माता मजहर कामरान ने लिखी है। विमोचन समारोह में कामरान ने कहा कि जब भी हम भारतीय सिनेमा के बारे में सोचेंगे ऋत्विक घटक की एक न एक फिल्म जरूर हमारे सामने रहेगी। घटक हमेशा हाशिए पर रहे> उनको वह स्थान नहीं मिल पाया, जिसके वे हकदार थे लेकिन उन्होंने हमेशा अच्छी फिल्में बनाने के लिए संघर्ष किया। कामरान ने कहा कि घटक ने कभी फिल्में बनाने का औपचारिक प्रशिक्षण नहीं लिया।

अपने समय के कलाकारों के सहयोग से उन्होंने बहुत कड़ी मेहनत से सीखा

पुस्तक का शीर्षक ‘मां, उमा और पद्मा’ क्यों रखा यह बताते हुए कामरान ने कहा कि घटक का अपनी मां, पत्नी उमा और नदी पद्मा के साथ गहरा संबंध था, जिसने उनके जीवन को बुना इसीलिए ये भावुक सा नाम दिया गया है। घटक की फिल्मों में मातृत्व और स्त्रीत्व की समझ गहरी दिखाई देती थी उनके सिनेमा का ये शाश्वत प्रतीक था।

पुस्तक का प्रकाशन सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग ने किया है। विमोचन DPD के मुख्य निदेशक भूपेंद्र कैंथोला और फिल्म निर्माता राजकुमार हीरानी ने किया। कैंथोला ने बताया कि जब मई में मुंबई में वेव्स समिट हुई थी तो यह तय किया गया था कि 56वां फिल्म महोत्सव उन भारतीय फिल्म निर्माता निर्देशकों को समर्पित रहेगा जिनकी इस साल जन्मशती है। DPD भारतीय सिनेमा पर ऐसी पुस्तकें प्रकाशित कर रहा है, जो सबके लिए सहज सरल और किफायती दाम में उपलब्ध हो। हाल के वर्षों में 12 पुस्तकें प्रकाशित की गयी हैं अभी लक्ष्मीकांत प्यारे लाल, लता मंगेशकर और अन्य तीन महान फिल्मी हस्तियों पर पुस्तकें प्रकाशित की जाएंगी।

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