नई दिल्ली: हिंदी सिनेमा के एक्टर देव आनंद की आज 100 वीं जयंती है। 26 सितंबर साल 1923 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में इनका जन्म हुआ था। आज वो इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी शानदार एक्टिंग आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। देव आनंद का असली नाम धर्मदेव पिशोरिमल आनंद था। कहा जाता है कि देव आनंद ब्रिटिश सशस्त्र बलों की राजसी भारतीय नौसेना में शामिल होना चाहते थे, लेकिन कुछ कारणों की वजह से उनका सलेक्शन नहीं हुआ। इसी दौरान उन्होंने अशोक कुमार की अछूत कन्या और किस्मत फिल्म को देखा। इसके बाद उन्होंने अपने करियर में एक्टिंग को चुना।
55 साल बाद गए थे पाकिस्तान
अभिनेता देव आनंद का पाकिस्तान से बहुत गहरा रिश्ता रहा है। जन्म से लेकर कॉलेज की पढ़ाई तक सबकुछ उनका पाकिस्तान में ही हुआ। साल 1947 में भारत की आजादी के बाद अभिनेता भारत आ गए और मुंबई में रहकर उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरूआत कर दी। उनका पुश्तैनी घर लाहौर में ही था। 55 साल बाद देव आनंद एक बार पाकिस्तान गए थे। देव आनंद उन सभी जगहों पर गए जहां से उनका गहरा लगाव रहा था। अपने पुराने दिन को याद कर वो काफी भावुक थे। कुछ जगहे तो ऐसी थीं, जिन्हें देख वो इमोश्नल हो गए थे और रोने लगे थे। साल 1999 में देव आनंद जब लाहौर गए तो वो बेहद भावुक थे। देव आनंद अपनी किताब “रोमांसिंग विद लाईफ” में लिखते हैं कि जब वागा से वो पाकिस्तान पहुंचे तो वहां इतने सालों में उन्हें बहुत कुछ बदला-बदला सा नज़र आ रहा था। लेकिन मॉल रोड पर रखी तोप को देख उन्हें अपने पुराने दिनों की याद आ गई और देव आनंद समझ गए कि अब उनका कॉलेज आने वाला है।