H-1B visa पर अमेरिका के नए नियम ‘अस्थायी झटका' : चंद्रबाबू नायडू

वे हम पर निर्भर होने के लिए बाध्य हैं
चंद्रबाबू नायडू
चंद्रबाबू नायडू
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विशाखापत्तनम : अमेरिका में एच-1बी वीजा व्यवस्था में हाल ही में की गई सख्ती एक अस्थायी झटका है । भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवरों से मिलने वाला लागत लाभ उन्हें जरूर आकर्षित करेगा। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने यह बात कही। नायडू को दो दशक पहले हैदराबाद को एक साइबर केंद्र के रूप में विकसित करने का दृष्टिकोण रखने का श्रेय दिया जाता है। उस समय ज्यादातर लोगों को प्रौद्योगिकी क्षेत्र में मौजूद विशाल अवसरों की कोई जानकारी नहीं थी।

उन्होंने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवरों की विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में उच्च मांग बनी हुई है क्योंकि वे उन्नत कौशल और लागत लाभ का एक मजबूत मिश्रण प्रदान करते हैं।आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से एच-1बी वीजा पर अमेरिका जाने वाले सबसे ज्यादा भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवर हैं।

क्या है मामला : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एच-1बी वीजा कार्यक्रम में व्यापक बदलाव किया है। यह कार्यक्रम अमेरिकी नियोक्ताओं को विशिष्ट व्यवसायों में विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति देता है। इसके लिए उन्होंने 21 सितंबर, 2025 या उसके बाद दायर की जाने वाली नए वीजा आवेदनों पर एक लाख अमेरिकी डॉलर का अतिरिक्त शुल्क लगाने का निर्णय लिया है।

हालांकि, ट्रंप ने तर्क दिया था कि शुल्क वृद्धि कार्यक्रम के ‘दुरुपयोग’ को रोकने के लिए है, लेकिन अब उन्होंने अपना रुख नरम करते हुए स्वीकार किया है कि अमेरिका को विदेशों से ‘प्रतिभाओं को लाने’ की आवश्यकता है क्योंकि अमेरिका के पास घरेलू स्तर पर, विशेष रूप से जटिल भूमिकाओं के लिए ‘कुछ प्रतिभाएं’ नहीं हैं।

वे हम पर निर्भर होने के लिए बाध्य हैं : नायडू ने कहा, ‘‘लागत बहुत, बहुत महत्वपूर्ण है... आप (भारतीय प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ) लागत-प्रभावी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। वे हम पर निर्भर होने के लिए बाध्य हैं। ऐसा होने वाला है। मैं इस बारे में पूरी तरह स्पष्ट हूं।’’ उन्होंने कहा कि भारतीयों पर कोई भी प्रतिबंध उनकी प्रगति को नहीं रोक सकता। यह एक ‘अस्थायी झटका’ है। कुछ लोगों को नुकसान होगा। लेकिन, हमें उनका उपयोग करना होगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या वे नए वीजा नियमों के कारण खाली हुए प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों को अवसर प्रदान करने के इच्छुक हैं, नायडू ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे भारत स्वदेशी 4जी प्रौद्योगिकी से लेकर उपग्रह, ड्रोन और एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग तक, सभी क्षेत्रों में अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी को अपनाएगा, अवसर सामने आएंगे। हम अवसर पैदा करेंगे।’’

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