

वाशिंगटन : भारत के साथ एक ‘‘बहुत बड़ा’’ व्यापार समझौता होने वाला है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह बात कही। उन्होंने दोनों देशों के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित द्विपक्षीय व्यापार समझौते की वार्ता प्रक्रिया में महत्वपूर्ण प्रगति का संकेत दिया। व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन पार्टी के कर एवं व्यय कटौती विधेयक को पारित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में ट्रंप ने कहा, ‘ हमारे पास कुछ बेहतरीन समझौते हैं। हम एक और समझौता करने जा रहे हैं, संभवत: भारत के साथ। बहुत बड़ा...’
चीन के लिए द्वार खोलने की शुरुआत : ट्रंप ने कहा, ‘ चीन समझौते में, हम चीन के लिए द्वार खोलने की शुरुआत कर रहे हैं। ऐसी चीजें जो वास्तव में कभी नहीं हुईं...सभी देशों के साथ संबंध बहुत अच्छे हैं।’ उन्होंने कहा कि हर देश समझौता करना चाहता है और इसका हिस्सा बनना चाहता है। उनके प्रशासन के अधिकारी देशों के साथ समझौते करने के लिए अतिरिक्त मेहनत कर रहे हैं। याद कीजिए , कुछ महीने पहले, मीडिया कह रहा था, ‘ क्या वाकई कोई ऐसा (देश) है जो इसमें दिलचस्पी रखता हो? खैर, हमने कल ही चीन के साथ समझौता किया है। हम कुछ बेहतरीन समझौते कर रहे हैं।
हर किसी के साथ समझौता नहीं : हम हर किसी के साथ समझौता नहीं करने जा रहे हैं। कुछ लोगों को हम बस एक पत्र भेजकर कहेंगे कि आपका बहुत-बहुत धन्यवाद... आप 25, 35, 45 प्रतिशत का भुगतान करेंगे। यह एक आसान तरीका है लेकिन मेरे लोग इसे इस तरह से नहीं करना चाहते हैं। वे इसको लेकर कुछ करना चाहते हैं। समझौते करने की ललक उनमें मुझसे भी अधिक है।
क्या है स्थिति : ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में एक भारतीय दल, अमेरिका के साथ अगले दौर की व्यापार वार्ता के लिए वाशिंगटन पहुंचा। दोनों देश अंतरिम व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहे हैं और नौ जुलाई से पहले समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश में हैं। अमेरिका ने उसके द्वारा दो अप्रैल को घोषित उच्च शुल्क को नौ जुलाई तक के लिए निलंबित किया है। भारत के लिए कृषि और दुग्ध क्षेत्र अमेरिका को शुल्क रियायतें देने के लिए कठिन और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र हैं। भारत ने अब तक हस्ताक्षरित किसी भी मुक्त व्यापार समझौते में दुग्ध क्षेत्र को नहीं खोला है।
शुल्क रियायत : अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, मोटर वाहन विशेषकर इलेक्ट्रिक वाहनों, वाइन, पेट्रोरसायन उत्पादों, दुग्ध तथा कृषि उत्पादों जैसे सेब, वृक्ष गिरी तथा आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों पर शुल्क रियायत चाहता है। भारत प्रस्तावित व्यापार समझौते में कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़े के सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, अंगूर और केले जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए शुल्क रियायत की मांग कर रहा है।