ट्रंप ने दवाओं के आयात पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया

दवाओं पर शुल्क उन कंपनियों पर लागू नहीं होगा जो अमेरिका में संयंत्र लगा रही हैं
ट्रंप  टैरिफ
ट्रंप का टैरिफ बम
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वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह एक अक्टूबर से आयातित वस्तुओं पर भारी कर लगाएंगे, जिनमें दवाइयों पर 100 प्रतिशत, ‘किचन कैबिनेट’ और ‘बाथरूम वैनिटी’ (सिंक और सामान रखने के लिए उसके साथ बनी हुई अलमारी) पर 50 प्रतिशत, ‘अपहोल्स्टर्ड फर्नीचर’ पर 30 प्रतिशत और भारी ट्रकों पर 25 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। ‘अपहोल्स्टर्ड फर्नीचर’ का मतलब है ऐसा फर्नीचर जिस पर गद्देदार कपड़ा, चमड़ा या किसी और नरम सामग्री की परत लगी हो। ट्रंप ने इन शुल्कों को लगाने का कोई कानूनी आधार नहीं दिया लेकिन उन्होंने ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा कि आयातित ‘किचन कैबिनेट’ और सोफों पर कर ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य कारणों’’ से जरूरी है। ट्रंप ने कहा कि दवाओं पर शुल्क उन कंपनियों पर लागू नहीं होगा जो अमेरिका में संयंत्र लगा रही हैं। लेकिन यह स्पष्ट नहीं कि पहले से मौजूद कारखानों पर कर कैसे लागू होगा। अमेरिका ने 2024 में लगभग 233 अरब डॉलर की दवाएं आयात कीं। ऐसे में दवाओं की कीमत दोगुनी होना स्वास्थ्य खर्च और इलाज की लागत को बढ़ा सकता है।

सभी को चौंकाया : इस घोषणा ने सभी को चौंकाया है क्योंकि पहले ट्रंप ने कहा था कि दवाओं पर कर धीरे-धीरे लागू होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय व्हाइट हाउस का कहना है कि इस साल की शुरुआत में शुल्क की धमकी से जॉनसन एंड जॉनसन, एस्ट्राजेनेका, रोशे, ब्रिस्टल मायर्स स्क्विब और एली लिली जैसी कंपनियों ने अमेरिका में निवेश का ऐलान किया। रूप में दी जाएगी, जैसा उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में किया था।

भारत पर असर : अमेरिका भारत का सबसे बड़ा दवा निर्यात बाजार है।फार्मास्युटिकल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में भारत के 27.9 अरब डॉलर मूल्य के दवा निर्यात में से 31 प्रतिशत या 8.7 अरब डॉलर (77,138 करोड़ रुपये) अमेरिका को गए। 2025 की पहली छमाही में ही 3.7 अरब डॉलर (32,505 करोड़ रुपये) मूल्य के दवा उत्पादों का निर्यात किया गया।

अमेरिका पर असर : ये शुल्क अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए नयी अनिश्चितता ला सकते हैं। उपभोक्ताओं को ऊंचे दाम चुकाने पड़ सकते हैं और नौकरियों पर असर पड़ सकता है। फेडरल रिज़र्व प्रमुख जेरोम पॉवेल ने हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन में आगाह किया था कि ऊंची कीमतें इस साल महंगाई में बढ़ोतरी का बड़ा कारण हैं। कनाडाई चेंबर ऑफ कॉमर्स ने चेतावनी दी है कि शुल्क से दवाओं की कीमत तुरंत बढ़ेगी, बीमा व्यवस्था और अस्पतालों पर दबाव बढ़ेगा और मरीजों को दवाओं से वंचित होना पड़ सकता है। ‘किचन कैबिनेट’ पर नया शुल्क घर बनाने वालों की लागत और बढ़ा सकता है।

ट्रंप ने कहा : विदेशी ट्रक और पुर्ज़े घरेलू उद्योगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पीटरबिल्ट, केनवर्थ, फ्रेटलाइनर और मैक ट्रक्स जैसी कंपनियों को बाहरी व्यवधानों से बचाना ज़रूरी है।शुल्क कंपनियों को घरेलू कारखानों में अधिक निवेश करने के लिए मजबूर करने की कुंजी है। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल से अब तक विनिर्माण से जुड़ी 42,000 नौकरियां और निर्माण से जुड़ी 8,000 नौकरियां समाप्त हो चुकी हैं। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक भी 12 महीनों में 2.9 प्रतिशत बढ़ा है।

ट्रंप ने कहा, ‘कोई महंगाई नहीं है, हम अद्भुत सफलता हासिल कर रहे हैं।’ हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि चीन पर शुल्क लगाने से अमेरिकी किसानों को खासतौर पर सोयाबीन उत्पादकों को नुकसान हुआ।

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