एफडीआई नीति में भूमि सीमा साझा करने वाले देशों के लिए नहीं हुआ है कोई बदलाव

सीमावर्ती देशों के निवेशकों को निवेश के लिए पूर्व स्वीकृति लेना अनिवार्य है
एफडीआई नीति में भूमि सीमा साझा करने वाले देशों के लिए नहीं हुआ है कोई बदलाव
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नयी दिल्ली : भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में सरकार ने कोई बदलाव नहीं किया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। 2020 में सरकार ने ‘प्रेस नोट 3’ जारी किया था जिसके तहत इन सीमावर्ती देशों के निवेशकों को किसी भी क्षेत्र में निवेश करने के लिए सरकार की पूर्व स्वीकृति लेना अनिवार्य हो गया था।  भारत में आने वाले अधिकतर एफडीआई स्वचालित अनुमोदन मार्ग के अंतर्गत आते हैं।

क्या है स्थिति : ‘प्रेस नोट 3’ भारत के सभी सीमावर्ती देशों पर समान रूप से लागू है। इन देशों में चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमा तथा अफगानिस्तान शामिल हैं। इस प्रेस नोट के जारी होने के बाद भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से निवेश से संबंधित एफडीआई नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

क्या है मामला : कुछ खबरों में दावा किया गया था कि चीन से एफडीआई आवेदनों के लिए अनुमोदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया गया है। वर्तमान में, गृह सचिव की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालयी समिति ‘प्रेस नोट 3’ के तहत आए आवेदनों पर विचार करती है।

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