

नयी दिल्लीः भारत ने तेल एवं गैस के लिए बोली के अपने सबसे बड़े दौर की शुरुआत की। इसमें 1.91 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले 25 ब्लॉक की पेशकश की गई। इनमें से अधिकतर ब्लॉक अपतटीय क्षेत्र में हैं। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यहां इंडिया एनर्जी वीक (आईईडब्ल्यू) में ‘ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी’ (ओएएलपी) के तहत बोली के 10वें दौर की शुरुआत की।
ओएएलपी के 10वें बोली दौर में 13 तलछटी घाटियों में 1,91,986 वर्ग किलोमीटर में फैले 25 ब्लॉक शामिल होंगे। इनमें से 13 ब्लॉक अपतटीय क्षेत्र में हैं। बेली के पिछले नौ दौर में 3.78 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की पेशकश की गई थी। ओएएलपी का नौंवा बोली दौर वर्तमान बोली दौर से पहले सबसे बड़ा था। ओएएलपी के 10वें बोली दौर में तेल व गैस की खोज और उत्पादन के लिए 1.36 लाख वर्ग किलोमीटर में फैले 28 ब्लॉक या क्षेत्र पेश किए गए हैं।
क्या है उद्देश्यः इसके जरिये सरकार का मकसद आयात में कटौती और ऊर्जा सुरक्षा में मदद के लिए घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है। सरकार ने भारत के ‘अपस्ट्रीम’ क्षेत्र को विकसित करने के लिए तेल एवं गैस कंपनियों को आकर्षित करने के लिए 2017 में ओएएलपी की शुरुआत की थी। ओएएलपी कम रॉयल्टी दरों की पेशकश के अलावा राजस्व-साझाकरण मॉडल के साथ विपणन व मूल्य निर्धारण की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) के अनुसार, सितंबर में ओएएलपी के बोली के नौवें दौर में चार बोलीदाता शामिल हुए, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र की तेल व प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और ऑयल इंडिया लिमिटेड तथा निजी क्षेत्र की वेदांता लिमिटेड शामिल थीं। इनमें से अधिकतर ब्लॉक के लिए केवल दो बोलियां प्राप्त हुईं थी। इसमें पहली बार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड-बीपी पीएलसी ने गुजरात अपतटीय क्षेत्र में एक ब्लॉक के लिए ओएनजीसी के साथ मिलकर बोली लगाई थी। सरकार ने ओएएलपी के 10वें बोली दौर के सफल बोलीदाताओं के नाम की घोषणा अभी नहीं की है।