करदाताओं ने किया 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी आय व संपत्ति का खुलासा

आयकर विभाग के करदाताओं के बीच ‘सबसे पहले भरोसा' बनाने के रुख का सकारात्मक असर
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नयी दिल्लीः आयकर विभाग के करदाताओं के बीच ‘सबसे पहले भरोसा' बनाने के रुख के साथ किये गये प्रयासों का सकारात्मक असर हुआ है। इसके तहत 30,000 से अधिक करदाताओं ने 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी संपत्ति और आय की घोषणा की है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस अभियान में करदाताओं के बीच ‘सबसे पहले भरोसा' बनाने को तरजीह दी। इसके तहत विभाग ने 17 नवंबर, 2024 को एसएमएस और ईमेल भेजना शुरू किया।

सूत्रों ने बताया कि विदेशी खातों में अधिक राशि रखने वाले या ब्याज अथवा लाभांश के रूप में अधिक विदेशी आय प्राप्त करने वाले कुल 19,501 करदाताओं से संपर्क किया गया। इस अभियान से 24,678 करदाताओं ने अपने आईटीआर की समीक्षा की और 5,483 करदाताओं ने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए देरी से रिटर्न दाखिल किये। करदाताओं ने 29,208 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति और 1,089.88 करोड़ रुपये की ‘अतिरिक्त' विदेशी आय घोषित की।कुल 6,734 करदाताओं ने आवासीय स्थिति को भी ‘संशोधित' किया और निवासी से प्रवासी बने।

सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग ने ‘ट्रस्ट फर्स्ट' यानी पहले भरोसा बनाने के दृष्टिकोण को अपनाया। इसके तहत कार्रवाई या सत्यापन नोटिस भेजने के बजाय करदाताओं द्वारा स्वैच्छिक अनुपालन को प्राथमिकता दी गई। एक अधिकारी ने कहा, कर विभाग ने तत्काल सत्यापन या दखल देने वाली कार्रवाइयों के बजाय पहले करदाताओं पर भरोसा किया है। इससे उन्हें अपनी विदेशी आय और संपत्ति का सही और पूर्ण खुलासा करने का पर्याप्त अवसर मिला है। इस अभियान के तहत जिन करदाताओं को सही जानकारी देने के लिए प्रेरित किया गया, उनमें से लगभग 62 प्रतिशत ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने विदेशी संपत्ति और आय घोषित करने के लिए ‘स्वेच्छा से' अपने आईटीआर को संशोधित किया है।

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