

नयी दिल्ली : सरकार के 'जीएसटी 2.0' की घोषणा से परिवारों पर कर का बोझ कम होगा, छोटे और मझोले उद्यम (एमएसएमई) मजबूत होंगे और अर्थव्यवस्था के औपचारिकरण को गति मिलेगी। उद्योग निकाय फिक्की ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। इसमें कहा गया कि इन सुधारों के साथ भारत एकल कर व्यवस्था के और करीब आएगा।
पांच प्रतिशत कर वाली वस्तुओं की हिस्सेदारी : फिक्की की तस्करी और जालसाजी गतिविधियों के विरुद्ध काम करने वाली समिति (कैस्केड) ने एक रिपोर्ट में कहा कि जीएसटी में इस बदलाव से पांच प्रतिशत कर वाली वस्तुओं की हिस्सेदारी लगभग तिगुनी हो जाएगी। इस स्लैब वाली श्रेणियों की संख्या 'जीएसटी 2.0' में 54 से बढ़कर 149 हो जाएगी। इसमें कहा गया कि ग्रामीण परिवारों के लिए जिन उत्पादों को छूट प्राप्त है, उनकी हिस्सेदारी 56.3 प्रतिशत से बढ़कर 73.5 प्रतिशत होने की उम्मीद है। शहरी परिवारों के लिए यह हिस्सेदारी 50.5 प्रतिशत से बढ़कर 66.2 प्रतिशत होने की संभावना है।
ग्रामीण परिवारों के लिए प्रभावी जीएसटी दर : रिपोर्ट में कहा गया कि इसके चलते ग्रामीण परिवारों के लिए प्रभावी जीएसटी दर 6.03 प्रतिशत से घटकर 4.27 प्रतिशत हो गई है। शहरी परिवारों के लिए यह 6.38 प्रतिशत से घटकर 4.38 प्रतिशत हो गई है। इसका मतलब है कि उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक खर्च करने योग्य आय होगी, जिससे सेवाओं, खुदरा और स्थानीय व्यवसायों पर विवेकाधीन खर्च को बढ़ावा मिलेगा।
जीएसटी कटौती: मोटरसाइकिल कीमतों में कमी : सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया ने कहा कि वह जीएसटी दर में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए अपने सभी मॉडलों की कीमतों में 18,024 रुपये तक की कटौती करेगी। 22 सितंबर, 2025 से प्रभावी संशोधित कीमतों के साथ ग्राहक अब इस बचत का आनंद ले सकते हैं। कंपनी ने कहा कि दोपहिया वाहनों के साथ ही, कलपुर्जों और अन्य सहायक उपकरणों की लागत में भी कमी आएगी।
एक प्रगतिशील कदम : एसएमआईपीएल के बिक्री एवं विपणन उपाध्यक्ष दीपक मुटरेजा ने कहा, हम भारत सरकार के जीएसटी 2.0 सुधारों का स्वागत करते हैं, जो आम जनता के लिए परिवहन को और अधिक किफायती बनाने की दिशा में एक प्रगतिशील कदम है। उन्होंने कहा कि त्योहारी सत्र से ठीक पहले आए इस फैसले से ग्राहकों की धारणा में और सुधार होगा तथा दोपहिया वाहनों की मांग बढ़ेगी।