
नयी दिल्लीः भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत जारी है। दोनों देशों की कोशिश है कि नौ जुलाई से पहले इस समझौते को अंतिम रूप दे दिया जाये। सूत्रों ने यह जानकारी दी। अमेरिका द्वारा दो अप्रैल को घोषित ऊंचे शुल्क को डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने नौ जुलाई तक के लिए निलंबित कर दिया था। जब पूछा गया कि क्या दोनों देश नौ जुलाई तक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के इच्छुक हैं, तो सूत्रों ने कहा, हम बहुत उत्सुक हैं, हम लगे हुए हैं, हम कोशिश कर रहे हैं। दोनों पक्ष कोशिश कर रहे हैं, लेकिन दोनों पक्षों को खुश होना चाहिए।
क्या है स्थिति : सूत्रों में से एक ने कहा कि व्यापार समझौते में हमेशा कुछ ऐसे क्षेत्र होते हैं, जो मुश्किल वाले होते हैं। कृषि और डेयरी क्षेत्र भारत के लिए ‘‘कठिन और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र हैं। और भारत ने अपने किसी भी मुक्त व्यापार समझौते में डेयरी क्षेत्र को नहीं खोला है।
क्या चाहता है अमेरिका : अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, वाहन - विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहन, शराबा पेट्रोरसायन उत्पाद, डेयरी और कृषि वस्तुओं जैसे सेब, ट्री नट्स और आनुवंशिक रूप से संवर्धित (जीएम) फसलों पर शुल्क रियायत चाहता है।
भारत प्रस्तावित व्यापार समझौते में कपड़ा, रत्न और आभूषण, चमड़े के सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा मछली, तिलहन, अंगूर और केले जैसे श्रम प्रधान क्षेत्रों के लिए शुल्क रियायत चाहता है।
समयसीमा को बढ़ाया नहीं गया तो क्या स्थिति होगी : जब पूछा गया कि क्या नौ जुलाई की समयसीमा को बढ़ाया नहीं गया तो क्या स्थिति होगी, सूत्रों ने कहा कि शुल्क दो अप्रैल के स्तर (भारत के मामले में 26 प्रतिशत) पर आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि इसे नहीं बढ़ाया जाता है, तो भारत को अन्य देशों की तुलना में कुछ लाभ हो सकता है और कुछ मामले में नुकसान हो सकता है, लेकिन उच्च शुल्क के कारण अमेरिका भी प्रभावित होगा।