स्टार्टअप दिग्गजों ने सीतारमण को पत्र लिखा

डिजिटल बाजारों के लिए प्रस्तावित पूर्व-नियामक ढांचा लागू करने की मांग दोहराई
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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण
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नयी दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखकर कई प्रमुख स्टार्टअप कंपनियों के संस्थापकों ने डिजिटल बाजारों के लिए प्रस्तावित पूर्व-नियामक ढांचा लागू करने की मांग दोहराते हुए कहा है कि इसकी जरूरत अब भी पहले जैसी ही है। पीपल्स ग्रुप के संस्थापक अनुपम मित्तल, मेट्रिमोनी डॉट कॉम के संस्थापक मुरुगवेल जानकीरमन, ट्रूलीमैडली के सह-संस्थापक स्नेहिल खनोर एवं अमित गुप्ता, स्टेज के सह-संस्थापक विनय सिंगल, क्वैक क्वैक के संस्थापक रवि मित्तल और एडीआईएफ से जुड़े प्रतीक जैन इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल हैं।

क्या है मामला : इन स्टार्टअप संस्थापकों ने आरोप लगाया कि वैश्विक बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों और ‘डिजिटल गेटकीपर’’ की ओर से प्रकाशित की जा रही भारी-भरकम सामग्री पूर्व-नियामकीय (एक्स-एंटे) प्रावधानों के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कर रही है, जो इस मुद्दे पर विमर्श को असंतुलित कर सकता है। ‘एक्स-एंटे’ (पूर्व-नियामक) प्रावधानों का मकसद बड़ी डिजिटल कंपनियों के व्यवहार पर पहले से निगरानी रखना है जबकि ‘एक्स-पोस्ट’ ढांचा प्रतिस्पर्धा-रोधी गतिविधि के घटित होने के बाद हस्तक्षेप करता है।

भागीदारी सुनिश्चित की जाए : उन्होंने कहा, ‘सरकार का मौजूदा डिजिटल प्रतिस्पर्धा विधेयक, 2024 वापस लेकर पहले एक विस्तृत बाजार अध्ययन कराने का निर्णय स्वागतयोग्य है, लेकिन यह अध्ययन स्वतंत्र, पारदर्शी और समावेशी होना चाहिए।’ स्टार्टअप दिग्गजों ने आग्रह किया है कि इस अध्ययन के संदर्भ स्पष्ट रूप से तय हों और इसमें बड़े परामर्शदाता समूहों के अलावा स्वतंत्र विशेषज्ञों, शैक्षणिक संस्थानों और सिविल सोसायटी की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

लगातार चुनौतियां मिल रही हैं : पत्र में कहा गया है कि भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी को बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों की प्रतिस्पर्धा-रोधी गतिविधियों से लगातार चुनौतियां मिल रही हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं के कल्याण और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए संतुलित ढांचे की मौजूदगी जरूरी है। कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री हर्ष मल्होत्रा ने हाल में संसद को बताया था कि एक्स-एंटे नियमन को लागू करने से पहले साक्ष्य-आधारित आधार के लिए बाजार का अध्ययन करना जरूरी है।

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