जीएसटी में सुधारों पर मंत्री समूह के साथ बैठक करेंगी सीतारमण

जीएसटी में सुधारों पर मंत्री समूह के साथ बैठक करेंगी सीतारमण
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नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जीएसटी में सुधारों को लेकर बुधवार को राज्यों के मंत्रियों के समूह की एक बैठक को संबोधित करेंगी। सूत्रों ने यह जानकारी दी। इन सुधारों के तहत कर दरों में कटौती होगी और आम इस्तेमाल की वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी। केंद्र ने जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रिसमूह के समक्ष पांच और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय जीएसटी संरचना के साथ-साथ कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40 प्रतिशत की विशेष दर का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव के तहत मौजूदा 12 और 28 प्रतिशत की कर दरों को हटाने का प्रस्ताव है।

केंद्र के दृष्टिकोण को सामने रखना : 20 और 21 अगस्त को राष्ट्रीय राजधानी में होने वाली राज्यों के मंत्री समूह की दो दिन की बैठक में सुधार प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी। इसका उद्देश्य जीएसटी सुधार प्रस्ताव के पीछे केंद्र के दृष्टिकोण को सामने रखना है। हालांकि, केंद्र इस मंत्री समूह का सदस्य नहीं है, लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री की उपस्थिति और उनके संबोधन से मंत्री समूह को केंद्र के प्रस्ताव के पीछे की सोच और विचार को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी।

कौन-कौन है सदस्य : बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी छह सदस्यीय मंत्री समूह के संयोजक हैं। अन्य सदस्यों में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह, पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा और केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल शामिल हैं।

क्या है स्थिति : केंद्र ने वस्तुओं को ‘गुण’ और ‘मानक’ श्रेणी में वर्गीकृत करते हुए पांच और 18 प्रतिशत की दो-स्लैब का प्रस्ताव किया है। इस वर्गीकरण में अपनाए गए व्यापक सिद्धांत का उद्देश्य मध्यम वर्ग, एमएसएमई और कृषि क्षेत्र पर कर का बोझ कम करना है। प्रस्तावित 40 प्रतिशत स्लैब, केवल पांच से सात वस्तुओं पर लागू होगा। इनमें पान मसाला, तंबाकू और ऑनलाइन गेमिंग जैसी अहितकर वस्तुएं शामिल हैं। यह जीएसटी कानून के तहत उच्चतम स्वीकार्य कर दर है।

यदि केंद्र के प्रस्ताव को मंत्री समूह स्वीकार करता है, तो इसे अगले महीने सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद की होने वाली संभावित बैठक के समक्ष रखा जाएगा। परिषद में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री शामिल हैं। केंद्र के प्रस्ताव में वर्तमान 12 प्रतिशत स्लैब में शामिल 99 प्रतिशत वस्तुओं को पांच प्रतिशत में तथा 28 प्रतिशत स्लैब में शामिल 90 प्रतिशत वस्तुओं और सेवाओं को 18 प्रतिशत स्लैब में शामिल करने का प्रस्ताव है।

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