सेबी ने वित्तीय नतीजों और वार्षिक रिपोर्टों के बीच अंतर कम करने की दी सलाह
मुंबई : बाजार नियामक सेबी ने मुख्य वित्तीय अधिकारियों (सीएफओ) से आग्रह किया कि वित्तीय नतीजों की घोषणा और पूर्ण वार्षिक रिपोर्टों के प्रकाशन के बीच समय अंतराल को कम करना चाहिए। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। इसके अलावा, सीएफओ को लेखा परीक्षा समितियों और लेखा परीक्षकों के साथ अपने जुड़ाव को मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित भी किया गया है, ताकि अधिक जवाबदेह वित्तीय खुलासे किए जाएं। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण ने यहां एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी। नारायण ने जन विश्वास को बनाए रखने में सीएफओ की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र करने के साथ ही पूंजी निर्माण में हाल के रुझानों, आगे के अवसरों और जोखिमों तथा निरंतर पूंजी वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी विनियमों के महत्व के बारे में चर्चा की।
क्या है स्थिति : इस समय, वार्षिक नतीजों और पूर्ण वार्षिक रिपोर्ट के बीच का अंतर 70-140 दिनों तक है। खातों की टिप्पणी, आंतरिक नियंत्रण रिपोर्ट, लेखापरीक्षा के मुख्य मामले और सीएआरओ (कंपनी लेखा परीक्षक की रिपोर्ट आदेश) खुलासे के साथ पूर्ण रिपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण जानकारी है। इस अंतर को कम करने से निवेशकों के लिए पारदर्शिता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। नारायण ने ईटीसीएफओ नेक्स्टजेन 2025 कार्यक्रम में लेखापरीक्षा योजना को आकार देने में लेखापरीक्षा समितियों और लेखा परीक्षकों की सुविधा के लिए सीएफओ की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने सुझाव दिया कि लेखापरीक्षकों को केवल अपने विशिष्ट मदों पर चर्चा करने से आगे बढ़कर लेखापरीक्षा समिति की बैठकों में भाग लेना चाहिए। इससे भरोसा बढ़ेगा और संबंधित पक्षों के बीच संचार के अधिक माध्यम खुलेंगे।